Lucknow Accident: ASP के बेटे को कुचलने वाले आरोपी का पिता गिरफ्तार, स्केटिंग क्लब और कोच पर भी FIR

लखनऊ में एएसपी के बेटे नामिश की कार की टक्कर से मौत के मामले में पुलिस ने आरोपी के सपा नेता पिता को गिरफ्तार किया है. सपा नेता पर बेटे के अपराध को छुपाने का आरोप है.

इमेज क्रेडिट-सोशल मीडिया प्लेटफार्म

राजधानी में मंगलवार को अपने बेटे का अपराध छुपाने वाले पिता रविन्द्र सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. दरअसल, एडिशनल एसपी श्वेता श्रीवास्तव के बेटे नामिश को टक्कर मारने वाले सार्थक सिंह के पिता व समाजवादी पार्टी के नेता रविन्द्र सिंह की जिस एक्सयूवी से एक्सीडेंट हुआ था उसे धुलवाकर खून के दाग छुपाए गए थे. इतना ही नहीं पुलिस को गुमराह भी किया था.

डीसीपी पूर्वी आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि मंगलवार को सुबह करीब साढ़े पांच बजे गोमती नगर विस्तार अंतर्गत जी 20 मार्ग पर एक एक्सयूवी 700 कार ने यूपी एसआईटी में एडिशनल एसपी श्वेता श्रीवास्तव के दस वर्षीय बेटे नामिश को स्केटिंग प्रैक्टिस के दौरान टक्कर मार दी थी. दुर्घटना के दौरान गाड़ी सपा नेता रविन्द्र सिंह का बेटा सार्थक सिंह ड्राइव कर रहा था जबकि सर्राफा व्यापारी अभिषेक वर्मा का बेटा देवश्री बगल में बैठा हुआ था. नामिश को टक्कर मारने के बाद सार्थक शहीद पथ से पॉलिटेक्निक होते हुए अपने घर चला गया था, जहां उसके पिता रविंद्र ने पहले तो गाड़ी को पूरी तरह धुलवाया और फिर उसे छुपा दिया.

लखनऊ पुलिस ने एडिशनल एसपी के दस वर्षीय बेटे नामिश को टक्कर मारने का आरोपी एक्सयूवी सवार देव श्री मंगलवार सुबह शादी में शामिल होने लखनऊ आया. एक्सयूवी 700 लेकर अपने दोस्त सार्थक के साथ जी 20 रोड पहुंचा था. यहां देवश्री से गाड़ी को तेज भगाने की शर्त लगा कर शहीद पथ की ओर गया. लौटते समय रॉन्ग साइड पर सार्थक गाड़ी चलाते हुए लाया और स्केटिंग प्रैक्टिस कर रहे नामिश को टक्कर मारकर फरार हो गया था.

एडीसीपी पूर्वी सैयद अली अब्बास ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ में बताया कि वे सोच रहे थे कि रात में सीसीटीवी फुटेज में गाड़ी नंबर नहीं ट्रेस हुआ होगा। इसलिए पुलिस उन तक नही पहुंच पाएगी। यदि पहुंचेगी भी तो सार्थक के पिता सपा नेता रविंद्र सिंह दोनों को बचा लेंगे। इसलिए दोनों ने सबसे पहले घर जाकर हादसे की जानकारी दी थी। दूसरी तरफ रविंद्र ने भी उनको बचाने का खेल शुरू कर दिया था। जिस तरह से आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि कुछ भी होता वह ब्रेक नहीं मारते, इससे साफ है कि एक तरह से जानबूझकर हादसे को अंजाम दे डाला। इसलिए पुलिस बेहद सख्त कार्रवाई साक्ष्यों के आधार पर कर रही है।

जब हादसा हुआ था तब एसयूवी सार्थक चला रहा था। उसने पुलिस को बताया कि उसको उम्मीद नहीं थी कि भोर में उस सड़क पर कोई इस तरह से दौड़ लगा रहा होगा या स्केटिंग कर रहा होगा। इसलिए वह बस एक्सीलेटर दबाए रहा। उसका कहना था कि रफ्तार इतनी ज्यादा थी कि कोई दिखा ही नहीं। जब टक्कर लगी तब पता चला कि किनारे कोई चल रहा था, जो हादसे का शिकार हो गया है।

जनेश्वर मिश्र पार्क के गेट नंबर 6 पर कई लोग स्केटिंग सिखाते हैं। जिस तरह से नामिश की प्रैक्टिस सड़क पर करवा रहे थे, ऐसे में कोच की लापरवाही उजागर हुई। मुख्य कोच ने अपने एक साथी को प्रशिक्षण के लिए लगा रहा था, जो नामिश को प्रैक्टिस करवा रहा था। दावा किया जा रहा है कि वह खुद नाबालिग है। पुलिस उसके खिलाफ भी कार्रवाई करने की तैयारी में है। इसलिए उसकी जन्मतिथि संबंधी दस्तावेज उसके परिवार वालों से मांगे हैं। वहीं वहां सिखाने वाले सभी कोच को पुलिस नोटिस जारी करेगी। एडीसीपी पूर्वी ने बताया कि जो कोई भी मुख्य सड़क या सर्विस लेन पर स्केटिंग करवाते पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

Back to top button