
गणेश चतुर्थी पर वास्तुशास्त्र के अनुसार स्थापित करें बप्पा की प्रतिमा
Ganesh Chaturthi: हिन्दू धर्म में गणेश जी की पूजा का विशेष महत्व है। लेकिन इस दिन घर में बप्पा की मूर्ति लाते समय कुछ वास्तु नियमों का ध्यान रखना पड़ता है। मूर्ति का स्थापना के वास्तु नियम के बारे में विस्तार से जानेंगे।
सनातन धर्म में भगवान गणेश का विशेष स्थान है। वैदिक पंचांग के अनुसार, साल 2024 में गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) का त्योहार 7 सितंबर दिन शनिवार को मनाया जाएगा। किसी भी पूजा-पाठ में सबसे पहले भगवान श्री गणेश की पूजा की जाती है। इसलिए इन्हें विघ्नहर्ता के नाम से भी जाता है। हर वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश का जन्मोत्स्व मनाया जाता है। इस साल सात सितंबर को गणेश चतुर्थी का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। सनातन धर्म में उदया तिथि से गणना की जाती है। प्रदोष काल और निशा काल में होने वाली पूजा को छोड़कर सभी व्रत-त्योहार के लिए उदया तिथि से गणना की जाती है। इसलिए गणेश चतुर्थी 7 सितंबर को ही मनाई जाएगी
गणेश जी की प्रतिमा की होती है स्थापना-
गणेश प्रतिमा स्थापना के समय तक व्रत-उपवास रखा जाता है। गणेश चतुर्थी और गणेश उत्सव का पर्व जिले में भी धूमधाम से मनाया जाता है। धार्मिक मत है कि भगवान गणेश की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आती है। संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।
मूर्ति की दिशा
वास्तु शास्त्र के अनुसार, यदि आप पहली बार गणेश जी की मूर्ति अपने घर में स्थापित करना चाहते हैं तो मूर्ति की स्थापना ईशान कोण, पूर्व ईशान कोण या उत्तर दिशा होनी चाहिे। कभी भी घर की दक्षिण दिशा में गणेश जी की मूर्ति का स्थापना नहीं करना चाहिए। साथ ही घर के शौचालय, कूड़ेदान, स्टोर रूम या सीढ़ियों के नीचे भी बप्पा की मूर्ति का स्थापना न करें।
पूजा-विधि
-इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। इसके बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
-इस दिन गणेश जी की प्रतिमा की स्थापना की जाती है।
-गणपित भगवान का गंगा जल से अभिषेक करें। और फिर बप्पा की प्रतिमा की स्थापना करें।
-भगवान गणेश को दूर्वा घास भी अर्पित करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दूर्वा घास चढ़ाने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं।
-भगवान गणेश को सिंदूर लगाएं और पुष्प अर्पित कर उनका ध्यान करें।
-आप गणेश जी को मोदक या लड्डूओं का भोग और आरती जरूर करें।
पूजा सामग्री लिस्ट
भगवान गणेश की प्रतिमा
लाल कपड़ा
दूर्वा
जनेऊ
कलश
नारियल
पंचामृत
पंचमेवा
गंगाजल
रोली
मौली लाल
पूजा के समय ऊं गं गणपतये नम: मंत्र का जाप करें। प्रसाद के रूप में मोदक और लड्डू वितरित करें।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।