Ayodhya: राम नवमी तक अक्षयपात्र देगा रामभक्तों को “भोजन प्रसाद”

अक्षयपात्र फाऊंडेशन रामलला का दर्शन करने आने वाले राम भक्तों को सुबह से रात तक भोजन करा रहा है. राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा में उपस्थित मधु पंडित दास जी ने अयोध्या के संतों में कंबल वितरण किया. इससे पूर्व 14 जनवरी को भी अयोध्या के साधु संतों में कंबल वितरण किया गया था.

इमेज क्रेडिट: सोशल मीडिया

अक्षयपात्र फाऊंडेशन अयोध्या में रामलला का दर्शन करने आने वाले राम भक्तों को सुबह से रात तक भोजन करा रहा है. संस्था के प्रमुख मधु पंडित दास जी ने बताया कि मकर संक्रांति से एक दिन पूर्व 14 जनवरी से प्रतिदिन दस हजार तीर्थ यात्रियों के लिए भोजन प्रसाद तैयार कर राम कथा संग्रहालय के साथ कुछ अन्य स्थानों पर उसका वितरण किया जा रहा है. यह रामनवमी तक लगातार चलेगा.

जानकारी के लिए बता दें कि उत्तर प्रदेश में अक्षय पात्र फाउंडेशन का किचन मथुरा व लखनऊ के गोरखपुर में भी काम कर रहा है। लखनऊ में जहां 1472 स्कूलों के करीब सवा लाख बच्चों को दोपहर का भोजन दिया जा रहा है वहीं मथुरा में भी दो हजार स्कूलों के करीब सवा लाख बच्चों को दोपहर का पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।

वाराणसी में अक्षय पात्र किचन का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर कमलों से 7 जुलाई 2022 में हुआ था। गोरखपुर में फिलहाल छोटा किचन है। वहां भी लखनऊ, मथुरा व वाराणसी की तरह अत्याधुनिक बड़ा किचन बनाया जा रहा है। इस किचन के बनने के बाद यहां भी करीब दो लाख बच्चों को भोजन दिया जा सकेगा। कानपुर, आगरा व मोदीनगर सहित उत्तर प्रदेश के कुछ अन्य बड़े जिलों में भी अक्षय पात्र किचन खुलना प्रस्तावित है।

अक्षय पात्र फाउंडेशन भारत की एक अशासकीय संस्था है जो देश के 14 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों के 20 हजार से अधिक स्कूलों के 1.8 मिलियन से अधिक बच्चों को हर स्कूल दिन में दोपहर का पौष्टिक भोजन परोस रहा है। गैर-लाभकारी इस फाउंडेशन का मुख्यालय बेंगलुरु में है। वर्तमान में आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, उड़ीसा, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना व उत्तर प्रदेश आदि राज्यो में इसका किचन स्थापित है। यह संगठन सरकारी स्कूलों और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में मिड-डे मील योजना को लागू करके कक्षा की भूख को खत्म करने का प्रयास करता है। साथ ही, अक्षय पात्र का उद्देश्य कुपोषण का मुकाबला करना और सामाजिक-आर्थिक रूप से वंचित बच्चों की शिक्षा के अधिकार का समर्थन करना भी है।

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