Ram Lalla Pran Pratishtha: आज अनुष्ठान का तीसरा दिन, स्वर्ण सिंहासन पर विराजेंगे रामलला

Pran Pratishtha: अयोध्या भगवान राम के बालरूप के स्वागत के लिए सज चुकी है. अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से संबंधित 7 दिवसीय अनुष्ठान की शुरुआत 16 जनवरी से हो चुकी है.

इमेज क्रेडिट- सोशल मीडिया प्लेटफार्म

बता दें कि 17 जनवरी की रात को भगवान राम की प्रतिमा को क्रेन की मदद से मंदिर परिसर में लाया गया है. अनुष्ठान के तीसरे दिन गुरुवार को तड़के रामलला की मूर्ति को गर्भगृह के अन्दर लाया गया साथ ही अधिवास, जलाधिवास और गंधाधिवास प्रक्रिया भी पूर्ण की जाएगी. इससे पहले बुधवार को मंदिर के गर्भगृह के सिंहासन की पूजा अर्चना की गई थी, साथ ही राम रक्षा मंत्र को स्थापित किया गया था. रामलला की अचल प्रतिमा को उनके स्वर्णजड़ित सिंहासन पर स्थापित कर दिया गया .

आज गुरुवार को जल यात्रा हुई, इसमें सरयू से जल लेकर जाया गया. इसके बाद अधिवास आयोजित हुआ इसमे मूर्ति को विभिन्न सामग्रियों में कुछ समय तक के लिए रखा जाता है. कहा जाता है कि मूर्ति पर शिल्पकार के औजारों से आई चोट अधिवास से ठीक हो जाती है और तमाम दोष भी खत्म हो जाते हैं.

अनुष्ठान के तीसरे दिन यानि आज शाम को रामलला अपने सिंहासन पर विराजित होंगे. इसके बाद जलाधिवास और गंधाधिवास होगा. जलाधिवास के तहत रामलला की अचल प्रतिमा को सरयू के जल से स्नान कराया जाएगा. इसके बाद गंधाधिवास के तहत भगवान की प्रतिमा को सुगंधित दर्व्यों के लेपन के साथ वास कराया जाएगा.

गौरतलब है कि 22 जनवरी को अभिजीत मुहूर्त में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होना हैं. इस अनुष्ठान के मुख्य यजमान के रूप में स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे. मिल रही जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री 21 जनवरी की शाम को ही अयोध्या पहुंच सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो 22 जनवरी की सुबह प्रधानमंत्री सरयू में स्नान कर के फिर सरयू का जल लेकर पैदल ही मंदिर के लिए निकलेंगे.

मंदिर के गर्भगृह में होगी ‘5 वर्षीय रामलला’ की मूर्ति

राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने मूर्ति के चयन को लेकर किए प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था, ‘अरुण योगीराज के परिवार में प्रतिमा निर्माण का काम वर्षो से किया जाता रहा है.ये लोग बहुत सुन्दर मुर्तिया बनाते है. अयोध्या में भी भगवन के बाल स्वरुप वाली प्रतिमा का निर्माण अरुँण योगी राज ने किया है जिसे गर्भगृह में प्रतिष्ठित किया जायेगा. यह प्रतिमा 5 वर्ष के बालक की कोमलता को समेटे बेहद भव्य और आकर्षक है. इसके आलावा पहले से पूजित की जा रही प्रतिमा को भी नयी मूर्ति के साथ गर्भ गृह में रख दिया जायेगा.

सोने के सिंहासन पर विराजेंगे रामलला:

रामलला का सिंघासन मकराना संगमरमर से बना है .इसमें रामलला के खड़े स्वरुप की प्रतिमा स्थापित होगी .इसके अलावा गर्भगृह में 14 सोने के दरवाजे लगाये जा चुके है .मंदिर में कुल 46 दरवाजे लगाये जायंगे .

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