Patanjali Case: बाबा रामदेव SC में हुए पेश, भ्रामक विज्ञापन मामले पर बिना शर्त मांगी माफी

Patanjali: आयुर्वेदिक कंपनी पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन मामले में योग गुरु बाबा रामदेव और बालकृष्ण दोनो ंही शीर्ष अदालत पहुंचे। इस दौरान सुनवाई शुरू हुई तो बाबा रामदेव के वकील ने कहा कि हम ऐसे विज्ञापन के लिए माफी मांगते हैं। आपके आदेश पर खुद बाबा रामदेव अदालत आए हैं।

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भ्रामक विज्ञापन के मामले में पतंजलि आयुर्वेद को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई थी और योग गुरु रामदेव एवं कंपनी के एमडी आचार्य बालकृष्ण को पेशी पर बुलाया था। आज रामदेव और बालकृष्ण दोनो ंही शीर्ष अदालत पहुंचे। इस दौरान सुनवाई शुरू हुई तो बाबा रामदेव के वकील ने कहा कि हम ऐसे विज्ञापन के लिए माफी मांगते हैं। आपके आदेश पर खुद योग गुरु रामदेव अदालत आए हैं। पतंजलि आयुर्वेद के वकील ने कहा कि बाबा रामदेव खुद अदालत में हैं। वह माफी मांग रहे हैं और आप उनकी माफी को रिकॉर्ड में दर्ज कर सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रामदेव को फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपका मीडिया विभाग आपसे अलग नहीं हो सकता है, आपने ऐसा क्यों किया? आपको बीते नवंबर को चेताया गया था, इसके बाद भी आपने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कोर्ट ने कहा कि मामले में एक ही हलफनामा दाखिल किया गया है जबकि दो हलफनामे दाखिल करने चाहिए थे।

कोर्ट ने कहा कि आपने एक्ट का उलंघन कैसे किया? आपने कोर्ट का अंडरटेकिंग देने के बाद भी उलंघन किया। आप परिणाम के लिए तैयार हो जाएं। क्या आपने एक्ट में बदलाव को लेकर मिनिस्ट्री से संपर्क किया?

हलफनामे पर भी सुप्रीम कोर्ट नाराज
सुप्रीम कोर्ट ने फिर पूछा कि क्या दोनों लोग पेश हो गए हैं। इस पर उनके वकील ने बताया कि दोनों लोग कोर्ट में मौजूद हैं. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इनको दो हलफनामे दाखिल करने चाहिए थे, लेकिन एक ही किया गया है, दूसरा दाखिल नहीं किया गया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘हमने पहले कंपनी और एमडी को जवाब दाखिल करने को कहा था, जब जवाब नहीं दाखिल किया गया तब अवमानना नोटिस जारी किया

रामदेव ने सुप्रीम कोर्ट से हाथ जोड़कर मांगी माफी

इस पर पतंजलि ने स्वीकार किया कि उनसे चूक हुई है। इस पर कोर्ट ने कहा कि अदालत की अवमानना का जवाब दीजिए. रामदेव की ओर से पैरवी कर रहे बलबीर सिंह ने कहा कि हमारा माफीनामा तैयार है। तो बेंच ने कहा कि ये रिकॉर्ड में क्यों नही है। बलबीर ने कहा कि यह तैयार था लेकिन हम चाहते थे जरूरत पड़ने पर जरूरी बदलाव किए जाएं।  

पीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के बावजूद अखबारों में विज्ञापन दिए जा रहे थे और आपके मुवक्किल विज्ञापनों में नजर आ रहे थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप देश की सेवा करने का बहाना मत बनाइए।

रामदेव के वकील ने कहा कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा। पहले जो गलती हो गई, उसके लिए माफी मांगते हैं। रामदेव ने भी अदालत से माफी मांगी। उन्होंने कहा कि मैं इस आचरण के लिए शर्मिंदा हूं। हम समझते हैं कि ये सुप्रीम कोर्ट का आदेश है। पीठ ने कहा कि देश की हर कोर्ट का सम्मान किया जाना चाहिए।

पतंजलि के उत्पादों को लेकर फटकार भी लगा चुका है कोर्ट

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट पतंजलि के उत्पादों को लेकर फटकार भी लगा चुका है। न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति ए अमानुल्लाह की पीठ ने पहले के आदेशों का पालन नहीं करने के लिए आलोचना भी की थी। पिछले साल कोर्ट ने कंपनी को विज्ञापनों पर रोक लगाने का आदेश दिया था। वंबर महीने में ही कोर्ट ने पतंजलि से कहा था कि अगर आदेश का पालन नहीं किया जाता है तो जांच के बाद कंपनी के तमाम प्रोडक्ट्स पर एक-एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।

क्या है आईएमए का आरोप?

आईएमए का आरोप है कि पतंजलि ने कोविड-19 वैक्सीनेशन को लेकर एक कैंपेन चलाया था. इस पर अदालत ने चेतावनी दी थी कि पतंजलि आयुर्वेद की ओर से झूठे और भ्रामक विज्ञापन तुरंत बंद होने चाहिए. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन से एलोपैथी दवाइयों की उपेक्षा हो रही है।

दरअसल, इंडियन मोडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने सुप्रीम कोर्ट में पतंजलि आयुर्वेद के विज्ञापनों को भ्रामक बताते हुए याचिका दायर की थी।

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