
बनारसी साड़ी को मिला नया नाम, ‘सिल्क बनारसी’; सरकार ऑनलाइन भी बेचेगी
Banarasi Saree News: भारत में बनारसी साड़ी की अपनी अलग ब्रांडिंग है, जिसकी पूरी दुनिया दीवानी है. अब ओरिजिनल बनारसी साड़ी एक नए ब्रांड सिल्क बनारसी के नाम से जानी जाएगी.
Banarasi Saree News: यूपी के जिला बनारस के बुनकरों की ओरिजिनल साड़ियों को प्रमोट करने के लिए रेशम विभाग ने इस ब्रांड की शुरुआत की है. जिसके तहत बुनकर अपनी साड़ियों को न सिर्फ बेच सकेंगे, बल्कि इनके ऑनलाइन ऑर्डर की भी व्यवस्था होगी.
ऑनलाइन बाजार में वाराणसी सिल्क से बने उत्पादों की भी एंट्री होने जा रही है. बड़ी बात ये है कि यह प्लेटफार्म किसी निजी ऑनलाइन कंपनी का नहीं होगा बल्कि ख़ुद उत्तर प्रदेश सरकार के रेशम विभाग द्वारा संचालित होगा. रेशम विभाग के ई-कॉमर्स बाजार के तहत सिल्क बनारस ब्रांड के नाम से ऑनलाइन बाजार का वेबसाइट बनाया जा रहा है.
बुनकरों को करेगे प्रमोट: रेशम विभाग के असिस्टेंट डायरेक्टर नागेंद्र राम ने बताया कि बुनकरों को उचित मूल्य दिलाने और ग्राहकों को शुद्ध बनारसी साड़ी मिले इसके लेकर हमने ये शुरुआत की है. बनारस की साड़ियों की अपनी अलग पहचान है, लेकिन कुछ लोग ठगी कर रहे हैं, जिससे बनारसी साड़ी की पहचान खराब हो रही है.
रेशम विभाग के कार्यालय में ही एक मार्केट ओपन किया जा रहा है, जहां पर बुनकरों को बाकायदा दुकान अलॉट की जाएगी. वह यहां आकर के अपने उत्पादों को बेच सकेंगे. इसके साथ ही घर बैठे भी लोग ऑनलाइन बुनकरों के माध्यम से सीधे अपनी साड़ियों को मंगा सकते हैं, जिससे उन्हें सही दाम में शुद्ध बनारसी साड़ियां मिल जाएंगी.
ग्राहकों को मिलेगा फायदा : रेशम विभाग के इस ई-कॉमर्स मंच के करण बुनकरों को सीधे लाभ मिलेगा, तो वहीं इस मंच के जरिए खरीदारी करने वाले ग्राहकों को शुद्ध रेशम के उत्पाद मिलने की गारंटी रहेगी. यही नहीं काशी आने वाले पर्यटक ठगी का शिकार होने से बच सकेंगे. सही दाम पर शुद्ध बनारसी अलग-अलग वैरायटी की डिजाइनर साड़ियां मिल पाएंगी.
जल्द लॉन्च होगा ऑनलाइन पोर्टल : असिस्टेंट डायरेक्टर नागेंद्र राम ने बताया, हम ऑनलाइन पोर्टल बना रहे हैं. वेबसाइट का रजिस्ट्रेशन हो गया है, जल्द ही इसकी लॉन्चिंग होगी. ये सुविधा अन्य ऑनलाइन मार्केट प्लेटफॉर्म की तरह ही होगी. रेशम विभाग द्वारा इसकी शुरुआत बुनकरों की सुविधा के लिए की जा रही है
दरअसल, अन्य ऑनलाइन बाजार मंचों पर बुनकरों को पेमेंट के साथ डिफेक्टिव और रिटर्न किए गए उत्पादों को लेने देने में बड़ी परेशानी होती थी, लेकिन सरकारी वेब साइट पर उन्हें भटकना नहीं पड़ेगा और सीधे रेशम विभाग के केंद्र पर वो अपना उत्पाद दे सकते हैं और पेमेंट भी वहीं से प्राप्त कर सकते हैं.