गाजियाबाद में बैंकर्स को बनाया बंदी… DM पर हो कार्रवाई, नहीं तो होगा आंदोलन: रामनाथ शुक्ला

UP News: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान के तहत ऋण (लोन) पास न करने पर गाजियाबाद के जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने सभी बैंकर्स को विकास भवन सभागार में बंदी बना लिया।

गाजियाबाद के जिलाधिकारी की इस तानाशाही रवैए से बैंक कर्मियों में अत्यधिक रोष व्याप्त है। बैंक कर्मियों का कहना है कि जिलाधिकारी पर यदि अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं हुई तो इस आक्रोश को आंदोलन में बदल देंगे।

एआईबीओसी उत्तर प्रदेश के चेयरमैन रामनाथ शुक्ला ने कि कहा उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के सभी बैंक के अधिकारियों एवं कर्मचारियों में रोष व्याप्त है किसी भी अधिकारी यह कर्मचारी से या किसी भी बैंक से कोई भी जिलाधिकारी जबरन लोन पास नहीं करवा सकता है।

जबकि रिजर्व बैंक आफ इंडिया का भी या आदेश है कि वह चाहे गवर्नमेंट आफ इंडिया की योजना हो या किसी राज्य सरकार की योजनाएं हो उसे क्रियान्वित करने के लिए किसी भी बैंक पर जबरन लोन पास करने का औचित्य ही नहीं होता है, यदि बैंक से कोई भी जिलाधिकारी और आम अथवा ख़ास व्यक्ति जबरन लोन पास करने का दबाव डालेगा तो वह यह एक संगीन अपराध के तहत आता है।

उत्तर प्रदेश एआईबीओसी के अध्यक्ष रामनाथ शुक्ला ने उत्तर प्रदेश सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं उत्तर प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना से मांग की है कि गाजियाबाद के जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह के ऊपर सख़्त से सख्त शीघ्रातिशीघ्र कार्रवाई की जाए। क्योंकि यह एक अमानवीय घटना है। जिलाधिकारी के इस कृत्य से किसी की बैंककर्मी की जान भी जा सकती थी। यह बैंक के नियमों के भी विपरीत है जिस प्रकार से जिलाधिकारी ने विकास भवन में बैंकर्स को एक कमरे में रात भर बंद रखा और यह फरमान जारी किया कि यदि आपने लोन पास नहीं किया तो रात भर घर आप लोग नहीं जा सकते हैं। इसी परिसर में कमरे में पूरी रात बंद रहना पड़ेगा।

श्री शुक्ला ने उत्तर प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा यदि हमारी मांग पूरी नहीं होगी तो हम इसका पुरजोर तरीके से विरोध करते हुए शीघ्र ही बड़ा आंदोलन करेंगे।

ग़ौरतलब है कि मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान के तहत लोन पास न करने पर गुरुवार को गाजियाबाद के जिलाधिकारी ने सभी बैंकर्स को विकास भवन सभागार में बंदी बना लिया। शाम को हुई बैठक के बाद उन्होंने कहा कि जब तक लोन के आवेदन पास नहीं करोगे तब तक यहीं रहना होगा। विकास भवन सभागार में बाहर से ताला लगाकर अंदर उनके खाने-पीने की व्यवस्था की गई है। देर रात तक अगर सभी आवेदन नहीं हुए तो उनके सोने की भी व्यवस्था वहीं कराई जाएगी।

जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि बैंकर्स के पास 403 आवेदन भेजे गए थे जिसमें से 365 आवेदन फारवर्ड भी हो गए लेकिन महज 50 आवेदन इन्होंने पास किए। जिलाधिकारी के ताला लगाने के बाद तत्काल 11 आवेदन पास किए गए। जिलाधिकारी ने सभी को कमरे में बंदकर उनके खाने-पीने की व्यवस्था कराई है। जिलाधिकारी ने सभी से कहा है कि वह रात नौ बजे तक एक बार फिर निरीक्षण करने आएंगे। उस वक्त तक अगर लोन पास हो गए तो ही घर जा सकेंगे।

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