परिवर्तनकारी पहल साबित हुआ ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना…PM Modi ने रखा नया संकल्प

BBBP Yojna: भारत में बेटियों को पढ़ाने और आगे बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू की गई ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान योजना को आज 10 वर्ष पूरे हो गए हैं. इस अवसर पर बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस पहल ने लैंगिक भेदभाव को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. साथ ही पीएम मोदी ने इस खास मौके पर देश की जनता के सामने एक और संकल्प रख दिया है।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की शुरुआत प्रधानमंत्री ने 22 जनवरी 2015 को पानीपत, हरियाणा में की थी. इस मुहिम का उद्देश्य जीवन-चक्र में घटते बाल लिंग अनुपात (सीएसआर) और महिला सशक्तिकरण से जुड़े मुद्दों को संबोधित करना है.

देशवासियों के सामने रखा नया संकल्प
पीएम मोदी ने देशवासियों के सामने नया संकल्प रखते हुए कहा- ‘मैं उन सभी हितधारकों की सराहना करता हूं जिन्होंने इस आंदोलन को जमीनी स्तर पर जीवंत बनाया है। आइए हम अपनी बेटियों के अधिकारों की रक्षा करना जारी रखें, उनकी शिक्षा सुनिश्चित करें और ऐसा समाज बनाएं जहां वो बिना किसी भेदभाव के आगे बढ़ सकें। साथ मिलकर हम ये सुनिश्चित कर सकते हैं कि आने वाले साल भारत की बेटियों के लिए और भी अधिक प्रगति और अवसर लेकर आएं।’

PM Modi ने लोगों के प्रति जताया आभार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार की सुबह ‘X’ पर कई पोस्ट किए, जिसमें बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान का जिक्र था। पीएम मोदी ने अपने एक पोस्ट में लिखा- ‘आज हम बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के 10 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं। पिछले एक दशक में ये लोगों की तरफ से संचालित एक परिवर्तनकारी पहल बन गई है और इसने सभी क्षेत्रों के लोगों की भागीदारी को आकर्षित किया है।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान लैंगिक भेदभाव को दूर करने में सहायक रहा है और साथ ही इसने यह सुनिश्चित करने के लिए सही माहौल तैयार किया है कि बालिकाओं को शिक्षा और अपने सपनों को पूरा करने के अवसर मिलें.

लिंग अनुपात में सुधार
इस योजना के बाद से भारत में लिंग अनुपात में सुधार देखा गया है। 2014-15 में एक हजार लड़कों पर 918 लड़कियों का बाल लिंग अनुपात था जो 2023-24 में बढ़कर 930 हो गया है। हालांकि इस दिशा में और भी प्रयास किए जाने की जरूरत है।

सामुदायिक भागीदारी
योजना के तहत जागरूकता अभियान, सामुदायिक सशक्तिकरण और समाज में सोच बदलने के प्रयास किए गए।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर शुरू हुए इस कार्यक्रम के तहत लोगों को सामाजिक रूप से इसमें हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया जाता है।

शैक्षिक फोकस
BBBP योजना के तहत लड़कियों की शिक्षा और सशक्तिकरण पर विशेष जोर दिया गया। यह योजना समाज में बेटियों को समान महत्व देने और उनके प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने की दिशा में सांस्कृतिक बदलाव लाने का प्रयास करती है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना ने भारत में बेटियों की स्थिति सुधारने और उन्हें समान अधिकार दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

हालांकि आलोचक तर्क देते हैं कि इस योजना का अधिकतर बजट प्रचार प्रसार पर खर्च किया गया। वहीं, एक तथ्य यह भी है कि इस योजना का मकसद ही समाज में बेटियों के प्रति जागरुकता लाना है जिसके लिए प्रचार-प्रसार जरूरी है।

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