“साज़िशी सिन्डीकेट के सामंती संक्रमण” से रहे सावधान… प्रयागराज दौरे पर बोले नकवी

पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नक़वी ने आज कहा कि सनातन संस्कार-संस्कृति के खिलाफ “साज़िशी सिन्डीकेट के सामंती संक्रमण” से समाज को सावधान रहना होगा। “छद्म सेक्युलर सिंडिकेट” “साम्प्रदायिक फ़साद में सियासी मफ़ाद” ढूंढता है।

श्री नक़वी ने प्रयागराज के तीन दिवसीय प्रवास के दौरान आज एक पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि “दावों की बकैती और धावों के बवंडर” की आपराधिक प्रतिस्पर्धा के बजाय, कुछ विदेशी आक्रमणकारियों की क्रिमिनल, कम्युनल, क्रूर करतूत के कलंक का सुधार आपराधिक उन्माद से नहीं बल्कि आपसी संवाद से ही किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण के रिवाज को समावेशी सशक्तिकरण के मिज़ाज से ध्वस्त किया है। आज दुनिया भर के संकट-कंटक के दौरान भी भारत की धाक-धमक मजबूत की है और हिंदुस्तान की धाक-धमक को धूमिल करने की धूर्तता पूर्ण धुन वाले धूल धूसरित हुए हैं। हर भारतीय को गर्व है कि मोदी जी को दुनिया वैश्विक संकट के “संकटमोचक” के रूप में देख रही है।

श्री नक़वी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के अपराधियों, अराजक तत्त्वों के विरुद्ध कार्रवाई पर सवाल उठाने वालों को करारा जवाब देते हुए कहा कि योगी सरकार का “दंगाइयों की ठुकाई, बलवाईयों की कुटाई, बाहुबलियों की बिदाई” के जरिए समाज के सुरक्षा-सौहार्द की भलाई की प्रतिबद्धता है। यह बात इन बलवाईयों, बाहुबलियों, बकैतों की चोट पर चीख निकाल रहे सामंती सुल्तानों की सोंच-समझ से बाहर है।

श्री नक़वी ने कहा कि महत्वाकांक्षाओं के मझधार में फंसे कांग्रेस-सपा गठबंधन में जितने छेद हैं उससे ज्यादा उसमें महत्त्वाकांक्षी मतभेद हैं, छेद को रफू करने, मतभेद को रफ़ू चक्कर करने में चुनाव में भी निपटते जा रहें हैं और गठबंधन के गुरुघंटालों का ग़ुरूर भी सिमटता जा रहा है।

श्री नक़वी ने कहा कि समाजवादी सुल्तान और सामन्ती सूरमा, सत्ताईस के सूबाई चुनाव में भी चारो ख़ाने चित होंगे, जनता साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण के छल को समावेशी सशक्तिकरण के बल से छूमंतर करेगी। देश को सामंती सियासत के रिवाज पर नहीं, समावेशी सुशासन के मिज़ाज पर यक़ीन है।

श्री नक़वी ने कांग्रेस और विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि “डायनेस्टी का डिजाइनर डेमोंस्ट्रेशन” और “फैमिली के फैशन फोटोग्राफी फन” जिसमें कभी “ब्लू चोला” तो कभी “बांग्लादेश-फिलिस्तीन का झोला” ले कर लोकतंत्र पर पीछे से धक्के,आगे से मुक्के की सामन्ती सनक में संसदीय, संवैधानिक मर्यादा के अपहरण की अपराधिक करतूत कर रहें हैं।

श्री नक़वी ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि “डेमोक्रेसी को डायनेस्टी का डिज्नीलैन्ड” समझने वाले संविधान, संसद, लोकतंत्र के प्रति भय-भ्रम के भौकाल के जरिए हार की हताशा में हुड़दंगी तमाशा करने में जुटे हैं। लोकतंत्र और संविधान के प्रति समाज का भरोसा ऐसी असंवैधानिक-अलोकतांत्रिक साज़िशी सियासत का सूपड़ा साफ करेगा।

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