UP News: श्रमजीवी बम ब्लास्ट मामले कोर्ट का बड़ा फैसला, 2 आतंकियों को फांसी की सजा

Bomb blast case: 19 साल पुराने श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन विस्फोट कांड के दो आतंकियों को फांसी की सजा जौनपुर कोर्ट ने सुनाई है। बांग्लादेशी आतंकी हिलालुद्दीन और पश्चिम बंगाल के नफीकुल विश्वास को फैसला सुनाया गया। इसमें बीते 22 दिसंबर 2023 को दोनों को दोषी करार दिया गया था।

इमेज क्रेडिट : सोशल मीडिया

 राजगीर (बिहार) से नई दिल्ली जाने वाली श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन में जुलाई 2005 को हुए आतंकी धमाके में शामिल चार में से दो आतंकियों को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। 22 दिसंबर 2023 को दो आतंकियों हिलालुद्दीन और नफिकुल विश्वास को कोर्ट ने दोषी करार दिया था और 3 जनवरी 2024 की तारीख तय की थी। बुधवार को भारी गहमा घमी के बीच दोनों आतंकियों को कोर्ट में पेश किया गया। यहां कोर्ट ने कुछ ही देर में दोनों को फांसी की सजा सूना दी। इस सजा के सुनने के बाद दोनों आतंकियों के चेहरे उत्तर गए। बता दें कि इस मामले में पकड़े गए चार में से दो आतंकियों को साल 2016 में ही फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है पर उनका केस अब हाईकोर्ट में चल रहा है।

बांग्लादेश के राजशाही में शरीफ उर्फ कंचन व डाक्टर सईद सहित सात आतंकियों ने भारत में ट्रेन में विस्फोट (2005 Jaunpur train bombing) का षडयंत्र रचा। श्रमजीवी विस्फोट कांड के बाद सुबूत मिटाने के लिए आतंकियों ने 15 सितंबर 2005 को हकीम मियां के दो मंजिला मकान व दुकान म धमाके से उड़ा दिया था। उस घटना में 52 लोगों की मौत हुई थी।

जांच में खुला था आंतकी कनेक्शन का राज

तत्कालीन डीजीपी ने शुरुआत में इसे आतंकी घटना मानने से इन्कार करते हुए हादसा बताया था। बाद में जांच में सामने आया कि धमाका श्रमजीवी विस्फोट कांड के आतंकियों द्वारा कराया गया था। मकान की राख विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजी गई तो उसमें मिले विस्फोटक श्रमजीवी विस्फोट कांड में इस्तेमाल विस्फोटक से मेल खाते थे।

आतंकी संगठन हूजी के हिलालुद्दीन उर्फ हिलाल, रोनी उर्फ आलमगीर तथा लश्कर-ए-तैयबा के ओबैदुर्रहमान व याहिया पद्मा नदी पार कर बंगाल के रास्ते भारत में घुसे।

अटैची रखते देखा था

घायल राजेश व रणजीत ने विस्फोट में घायल गवाह राजेश व रणजीत ने कोर्ट में बयान दिया था कि पटना में दो व्यक्ति विस्फोट वाले डिब्बे में सीट के नीचे अटैची रखे थे। यात्रा के दौरान बार-बार उसे देख भी रहे थे। बाद में हरिहरपुर के पास इस अटैची में विस्फोट हुआ। दोनों युवकों ने चेन पुलिंग का प्रयास किया था।

ट्रेन न रुकने पर दोनों चलती ट्रेन से कूद गए थे, बाद में राजेश व रणजीत ने कोर्ट में गवाही के दौरान हिलाल व रोनी को देखकर कहा था कि बिल्कुल ऐसे ही व्यक्ति ट्रेन में सीट के नीचे अटैची रखे थे।

घायलों ने ट्रेन से कूदते देखा था दोनों आतंकियों को

विस्फोट वाले डिब्बे में यात्रा कर रहे जौनपुर के घायल यात्री मदन लाल सेठ, गोरखनाथ, बिहार के राम बालक साहनी, रणजीत व राजेश आदि ने हिलाल व रोनी का हुलिया पुलिस को व कोर्ट में अपने बयान में बताया था। उन्होंने बताया था कि बिहार से ट्रेन में चढ़े दोनों आरोपित विस्फोट के दस मिनट पूर्व चेन पुलिंग कर ट्रेन रोकने का प्रयास किए। उन्हें यात्रियों ने टोका भी था। ट्रेन न रुकने पर चलती ट्रेन से दोनों कूद गए थे।

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