Bihar: जातिगत सर्वे ने मचाया बवाल, देश के कई बड़े नेताओं की है ये मांग
बिहार में जातिगत सर्वे के आंकड़े सामने आने के बाद केंद्र और राज्य सरकार में टेंशन बढ़ गई है। लोकसभा चुनाव से पहले आई रिपोर्ट को लेकर सियासत भी तेज हो गई है। जहां कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी समेत तमाम विपक्षी दलों ने इस फैसले का स्वागत करते हुए पूरे देश में जातिगत जनगणना कराने की मांग उठाई है।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इस सर्वे को लोगों की आंखों में धूल झोंकने वाला बताया। जातिगत जनगणना का यह रिपोर्ट कार्ड लोगों में भ्रम फैलाने के सिवा कुछ नहीं है। बता दें केंद्रीय मंत्री और भाजपा के नेता जातिगत सर्वे की खामियां जनता के बीच लेकर जा रहे हैं।इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में जाति सर्वे को लेकर याचिका मंजूर कर ली है। इस पर 6 अक्टूबर को सुनवाई होगी।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि बिहार की जातिगत जनगणना से पता चलता है कि वहां OBC + SC + ST 84% हैं। केंद्र सरकार के 90 सचिवों में सिर्फ तीन ओबीसी हैं जो भारत का मात्र पांच फीसदी बजट संभालते हैं। इसलिए भारत के जातिगत आंकड़ें जानना जरूरी हैं. जितनी आबादी, उतना हक- ये हमारा प्रण है।
वहीं, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, बिहार सरकार ने अभी राज्य में कराए गए जाति आधारित सर्वे के नतीजे जारी कर दिए हैं। इस पहल का स्वागत करते हुए और कांग्रेस सरकारों द्वारा कर्नाटक जैसे अन्य राज्यों में इसी तरह के पहले के सर्वेक्षणों को याद करते हुए, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अपनी मांग दोहराती है कि केंद्र सरकार जल्द से जल्द राष्ट्रीय जाति जनगणना कराए।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि यूपी सरकार को अब अपनी नीयत व नीति में जन भावना व जन अपेक्षा के अनुसार सुधार करके जातीय जनगणना/सर्वे अविलम्ब शुरू करा देना चाहिए, किन्तु इसका सही समाधान तभी होगा जब केन्द्र सरकार राष्ट्रीय स्तर पर जातीय जनगणना कराकर उन्हें उनका वाजिब हक देना सुनिश्चित करेगी।
बता दें कि पहले बिहार सरकार ने जातिगत सर्वे के आंकड़े नहीं जारी करने का आश्वासन दिया था। याचिका गैर-सरकारी संगठनों ‘यूथ फॉर इक्वेलिटी’ और ‘एक सोच एक प्रयास’ द्वारा दायर की गई है। याचिकाकर्ता ने पहले भी जातिगत सर्वे रिलीज न करने के लिए अदालत से गुहार लगाई थी लेकिन, तब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कोई आदेश नहीं दिया।