नालंदा विश्वविद्यालय के उद्घाटन में बोले पीएम, आग की लपटें ज्ञान को नहीं मिटा सकतीं…

PM Modi in Bihar: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बिहार के राजगीर पहुंचकर नालंदा विश्वविद्यालय के नए कैंपस का उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने कहा कि मैं बिहार के लोगों को भी बधाई देता हूं। बिहार अपने गौरव को वापस लाने के लिए विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के नालंदा विश्वविद्यालय के नए कैंपस का उद्घाटन कर दिया है. इस दौरान उन्होंने कहा कि मुझे तीसरे कार्यकाल की शपथ ग्रहण करने के बाद पहले 10 दिनों में ही नालंदा आने का अवसर मिला है. ये मेरा सौभाग्य तो है ही, साथ ही मैं इसे भारत की विकास यात्रा के एक शुभ संकेत के रूप में देखता हूं. नालंदा एक नाम नहीं है बल्कि पहचान और गौरव है

कई देशों के छात्र आ रहे हैं पढ़ने- मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि नालंदा कभी भारत की परंपरा और पहचान का जीवंत केंद्र हुआ करता था। शिक्षा ही हमें गढ़ती है, विचार देती है और उसे आकार देती है। प्राचीन नालंदा में बच्चों का प्रवेश उनकी पहचान, उनकी राष्ट्रीयता को देख कर नहीं होता था। हर देश हर वर्ग के युवा हैं यहां पर. नालंदा विश्वविद्यालय के इस नए परिसर में हमें उसी प्राचीन व्यवस्था को फिर से आधुनिक रूप में मजबूती देनी है और मुझे ये देख कर खुशी है कि दुनिया के कई देशों से आज यहां कई विद्यार्थी आने लगे हैं।

आग की लपटें ज्ञान को नहीं मिटा सकतीं-पीएम

पीएम मोदी ने कहा कि नालंदा उद्घोष है इस सत्य का कि आग की लपटों में पुस्तकें भलें जल जाएं, लेकिन आग की लपटें ज्ञान को नहीं मिटा सकतीं। अपने प्राचीन अवशेषों के समीप नालंदा का नवजागरण हुआ है। ये नया कैंपस विश्व को भारत के सामर्थ्य का परिचय देगा। नालंदा बताएगा कि जो राष्ट्र, मजबूत मानवीय मूल्यों पर खड़े होते हैं वो राष्ट्र इतिहास को पुनर्जीवित करके बेहतर भविष्य की नींव रखना जानते हैं। नालंदा केवल भारत के ही अतीत का पुनर्जागरण नहीं है, इसमें विश्व के, एशिया के कितने ही देशों की विरासत जुड़ी हुई है। नालंदा यूनिवर्सिटी के पुनर्निर्माण में हमारे साथी देशों की भागीदारी भी रही है। इस अवसर पर मैं भारत के सभी मित्र देशों का अभिनंदन करता हूं।

भारत में सैकड़ों योग विधाएं मौजूद- पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि 21 जून को इंटरनेशनल योग डे है। आज भारत में योग की सैकड़ों विधाएं मौजूद हैं। हमारे ऋषियों ने कितना गहन शोध इसके लिए किया होगा, लेकिन किसी ने योग पर एकाधिकार नहीं बनाया। आज पूरा विश्व योग को अपना रहा है। हम प्रगति और पर्यावरण को एक साथ लेकर चले हैं। अपने उन्हीं अनुभवों के आधार पर भारत ने विश्व को मिशन LiFE जैसा मानवीय विजन दिया है।

बताते चलें कि इस विश्व विद्यालय के निर्माण में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व राष्ट्पति एपीजे कलाम का बहुत बड़ा योगदान रहा है जिसके कारण 800 साल पुराना नालंदा विश्व विद्यालय का इतिहास दोहराया गया है। प्राचीन विश्व विद्यालय को बख्तियार खिलजी द्वारा आग लगा दिया गया था जिससे वो आज खंडहर बन गया है। नए विश्व विद्यालय का निर्माण के लिए 485 एकड़ जमीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा मुहैया कराया गया है। इसके निर्माण में कच्चे ईंट का इस्तेमाल किया गया है।

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