केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, संसद में पेश हुआ एंटी पेपर लीक बिल

Bill against paper leaks: सरकार ने पेपर लीक पर नकेल कसने के लिए एंटी पेपर लीक को संसद में पेश कर दिया है. इस बिल में कई प्रावधान किए गए हैं जिससे पेपर लीक करने वाले गैंग के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जा सकता है. गुजरात, राजस्थान और बिहार में कुछ समय पहले पेपर लीक के चलते कई परीक्षाएं रद्द करनी पड़ी थीं. ऐसे में सरकार अब इस मसले पर बड़ा ऐक्शन लेने की तैयारी में है.

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प्रतियोगिता परीक्षाओं में पेपर लीक होने की घटना केवल एक राज्य की समस्या नहीं है बल्कि अमूमन सभी राज्य पेपर लीक की घटनाओं से त्रस्त है।पेपर लीक से परेशान होने वाले प्रतिभागियों को अब राहत मिलने वाली है सरकार प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी और अनियमितताओं से सख्ती से निपटने के लिए अगले सप्ताह संसद में एक नया विधेयक पेश कर सकती है.इस बिल में कई अहम बातें है जिसे जानना जरूरी है.

कानून में हैं बेहद सख्त प्रावधान:

सूत्रों ने यह जानकारी दी कि विधेयक में इस अपराध के लिए अधिकतम 10 साल तक की जेल और 1 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान हो सकता है. पेपर लीक पर लगाम लगाने के लिए लोक परीक्षा (अनुचित साधन रोकथाम) विधेयक, 2024 सोमवार (5 फरवरी, 2024) को संसद में पेश किया जा सकता है लेकिन अभी तक अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। इस प्रस्तावित कानून के अनुसार, सार्वजनिक परीक्षाओं के संचालन में अनुचित साधनों से संबंधित सभी अपराध संज्ञेय, गैर-जमानती और गैर-शमनयोग्य होंगे।

किन राज्यों में लीक हुए थे पेपर

गुजरात जैसे कुछ राज्य इस समस्या से निपटने के लिए कानून लेकर आए. पिछले साल परीक्षा पत्र लीक होने के बाद राजस्थान में शिक्षक भर्ती परीक्षा, हरियाणा में ग्रुप-डी पदों के लिए सामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी), गुजरात में कनिष्ठ लिपिकों के लिए भर्ती परीक्षा और बिहार में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा समेत कई परीक्षाएं पेपर लीक के चलते रद्द की गयी थीं. इसे लेकर कई बार छात्रों ने विरोध प्रदर्शन भी किए , जिसके बाद अब केंद्र सरकार ने इस पर रोक लगाने की पहल शुरू की है.

पेपर लीक का कारोबार कितना बड़ा है?

  • अलग-अलग रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले 7 वर्षों में देश के अलग-अलग राज्यों में 70 से ज्यादा प्रश्न पत्र लीक हुए हैं पेपर
  • लीक होने की वजह से 1 करोड़ 50 लाख से ज्यादा छात्र प्रभावित हुए हैं
  • अगर राज्यों की बात करें तो राजस्थान पेपर लीक के मामले में काफी कुख्यात रहा
  • यहां 2015 से 2023 के बीच पेपर लीक के 14 से ज्यादा मामले देखे गए. जिसके बाद परीक्षा को रद्द करना पड़ा
  • इन्हीं 7 वर्षों में गुजरात की स्थिति बहुत खराब रही, यहां इसी अवधि में पेपर लीक की 14 घटनाएं हुईं
  • उत्तर प्रदेश में 2017 से 2022 के बीच पेपर लीक की कम से कम 8 घटनाएं हुईं

अपने बजट भाषण में राष्ट्रपति ने दिए थे संकेत

आपको बता दे कि बीते 31 जनवरी को बजट सत्र कि शुरुवात करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू  ने संसद के दोनों सदनों को संबोधित करते हुए इस विधेयक के बारे में संकेत दिया था. उन्होंने कहा था कि सरकार परीक्षाओं में होने वाली गड़बड़ी को लेकर युवाओं की चिंताओं से अवगत है. वह बोलीं थीं, ‘‘इस दिशा में सख्ती लाने के लिए नया कानून बनाने का निर्णय लिया गया है.” 

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