Kerala: दिमाग खाने वाले अमीबा ने ली मासूम की जान, अब तक 3 की मौत
Brain Eating Amoeba: केरल के कोझिकोड में मस्तिष्क के दुर्लभ संक्रमण ‘अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस‘ से ग्रस्त 14 वर्षीय बालक की एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। यह संक्रमण दूषित जल में पाए जाने वाले जीवित अमीबा के कारण होता है। केरल के स्वास्थ्य विभाग ने बृहस्पतिवार को बताया कि मृदुल नामक बालक की मृत्यु बुधवार रात करीब 11:20 बजे हुई। दक्षिणी राज्य में मई से लेकर अब तक इस घातक संक्रमण का यह तीसरा मामला है।
शुरुआती जानकारी के मुताबिक, मृतक लड़का कुछ दिन पहले एक छोटे तालाब में तैरने गया था। यहीं पर उसे यह बीमारी हुई। स्वास्थ्य अधिकारियों ने तुरंत उसके खिलाफ निवारक कदम उठाए। हालांकि, उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।
क्या होता है प्राथमिक अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस?
प्राथमिक अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस (PAM) नेगलेरिया फाउलेरी के कारण होता है। रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र के अनुसार, नेगलेरिया फाउलेरी एक प्रकार का एक-कोशिका वाला जीव है, जिसे अमीबा के नाम से भी जाना जाता है।यह झीलों, नदियों और झरनों जैसे मीठे पानी के वातावरण में पनपता है। यह दिमाग को संक्रमित करके उसके ऊतकों को नष्ट कर सकता है। इसके कारण होने वाला मस्तिष्क संक्रमण अत्यंत दुर्लभ है, जो दूषित पानी के संपर्क में आने से फैलता है।
‘दिमाग खाने वाला अमीबा’ लोगों को कैसे संक्रमित करता है?
‘दिमाग खाने वाला अमीबा'(brain-eating amoeba) तैराकी जैसे व्यायाम के दौरान नाक के माध्यम से प्रवेश करके व्यक्तियों को संक्रमित करता है। एक बार शरीर के अंदर, यह मस्तिष्क तक जाता है और मस्तिष्क के ऊतकों को नष्ट कर देता है। इससे दिमाग सूज जाता है और फिर मौत हो जाती है।
क्या है इस संक्रमण के लक्षण?
दिमाग खाने वाले अमीबा से फैलने वाली इस बीमारी के मुख्य लक्षण में बुखार, सिर दर्द, उल्टी और दौरे पड़ना शामिल हैं। बाद के लक्षणों में गर्दन में अकड़न, भ्रम, ध्यान लगाने में कठिनाई और मतिभ्रम हो सकते हैं। ये सभी गंभीर लक्षण संक्रमण की प्रगति का संकेत देते हैं और स्तिथि को बिगाड़ सकते हैं। ऐसे में आपको अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए तत्काल अस्पताल जाना चाहिए, वरना यह अमीबा मृत्यु का कारण भी बन सकता है।
यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार, प्राथमिक अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस से पीड़ित अधिकांश लोग लक्षण प्रकट होने के 1 से 18 दिनों के भीतर मर जाते हैं। आमतौर पर पांच दिन के बाद मरीज कोमा में चला जाता है और फिर उसकी मौत हो जाती है।
दिमाग खाने वाले अमीबा से बचने के लिए बरतें ये सावधानी
स्वास्थ्य अधिकारियों ने लोगों को अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस के प्रति सावधानी बरतने की सलाह दी है। अगर आप ताजे पानी में तैरने जा रहे हैं या गोता लगा रहे हैं, तो अपनी नाक बंद कर लें या नाक पर क्लिप लगा लें। इसके अलावा गर्म पानी के झरनों और नदियों में तैरते समय अपने सिर को पानी के बाहर ही रखें। अपनी नाक को साफ करने के लिए मिनरल वॉटर या उबले हुए पानी का इस्तेमाल करें।
सीएम की अध्यक्षता में हुई बैठक… दिए सुझाव
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के साथ हुई बैठक में यह सुझाव दिया गया कि स्विमिंग पूलों में उचित रूप से क्लोरीन डाला जाना चाहिए, साथ ही बच्चों को जल निकायों में प्रवेश करते समय सावधान रहना चाहिए क्योंकि वे इस बीमारी से सबसे अधिक प्रभावित होते हैं. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सभी को जल निकायों को साफ रखने का ध्यान रखना चाहिए.
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