
यूनिफाइड पेंशन स्कीम में OPS और NPS से कैसे अलग है, कर्मचारियों को फायदा होगा या नुकसान?
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) पेश की है। NPS (नेशनल पेंशन सिस्टम) के तहत रिटायर हुए कर्मचारी भी UPS का लाभ उठा सकेंगे। उन्होंने जो भी पैसा निकाला होगा उसे एडजस्ट करने के बाद बकाया मिल जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने पेंशन पर चले आ रहे विवाद के बीच शनिवार को नई योजना पेश कर दी. मोदी सरकार की इस पेंशन योजना को यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) नाम दिया गया है. यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) में क्या खासियत है… क्या ये नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) से बेहतर है? यूपीएस को अपनाने वाले कर्मचारियों को क्या पहले से ज्यादा लाभ होगा? दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शनिवार को सरकारी कर्मचारियों के लिए यूपीएस को मंजूरी दे दी है. कहा जा रहा है कि इस योजना से केंद्र सरकार के लगभग 23 लाख कर्मचारियों को लाभ होगा. इस योजना के अंतर्गत अगर किसी कर्मचारी ने 10 साल तक नौकरी की है, तो उसे कम से कम 10 हजार रुपये पेंशन मिलना तय है. साथ ही 31 मार्च 2025 तक रिटायर होने वाले कर्मचारियों को भी नई पेंशन योजना का फायदा मिलेगा।
कौन सरकारी कर्मचारी उठा सकते हैं फायदा?
चूंकि यूपीएस को एनपीएस के विकल्प के रूप में पेश किया गया है, हर वह सरकारी कर्मचारी इसका फायदा उठाने के लिए पात्र (एलिजिबल) है, जो एनपीएस के लिए एलिजिबल था. सरल शब्दों में कहें तो 1 अप्रैल 2004 के बाद नौकरी शुरू करने वाला हर सरकारी कर्मचारी यूनिफाइड पेंशन योजना का लाभ उठा सकता है. इसका लाभ अगले वित्त वर्ष यानी 1 अप्रैल 2025 से मिलने लगेगा. यूनिफाइड पेंशन योजना में सरकार ने न्यूनतम पेंशन की गारंटी दी है. यूनिफाइड पेंशन योजना को तीन शब्दों ‘एश्योर्ड पेंशन, मिनिमम पेंशन, एश्योर्ड फैमिली पेंशन’ से परिभाषित किया जा सकता है.
यह स्कीम केंद्र सरकार के कर्मचारियों को सुनिश्चित पेंशन की गारंटी देगी। अगर किसी भी सेवानिवृत्त कर्मचारी 25 साल की न्यूनतम सेवा की है, तो उसे रिटायरमेंट से पहले के 12 महीनों के औसत बेसिक सैलरी का 50 फीसदी पेंशन के रूप में मिलेगी। इसका मतलब कि अगर किसी औसत बेसिक सैलरी 50 हजार रुपये रहेगी, तो उसे पेंशन के तौर पर हर महीने 25 हजार रुपये मिलेंगे। अगर किसी सेवा अवधि कम है, तो उसे उसी हिसाब से कम पेंशन मिलेगी। पेंशन के लिए कम से कम 10 साल की सर्विस करनी अनिवार्य रहेगी।
UPS से कौन से जुड़ सकता है?
केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में बने रहने या यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) में शिफ्ट होने का विकल्प दिया है। रिटायरमेंट के बाद NPS या UPS में विकल्प चुनने का मौका एक ही बार मिलेगा, जिसे बाद में बदला नहीं जा सकेगा। सरकार के मुताबिक, UPS उन सभी लोगों पर लागू होगा, जो 2004 के बाद से NPS के तहत पहले ही रिटायर हो चुके हैं।
NPS से ज्यादा फायदेमंद होगी UPS
सरकार का आकलन है कि मौजूदा केंद्रीय कर्मचारियों में से 99 फीसदी से अधिक के लिए आर्थिक तौर पर NPS से अधिक UPS फायदेमंद होगी। NPS साल 2004 से लागू है। NPS के तहत रिटायर होने वाले कर्मचारियों को भी नई पेंशन सुविधा का लाभ लेने का विकल्प मिलेगा। अगर कर्मचारी इस विकल्प को चुनते हैं, तो जो अतिरिक्त रकम और उसका ब्याज बनेगा, उसका भुगतान केंद्र सरकार करेगी।
यूनिफाइड पेंशन स्कीम को सरकार ने डिफॉल्ट पेंशन स्कीम नहीं बनाया है, बल्कि इसे मौजूदा नेशनल पेंशन स्कीम के विकल्प के तौर पर पेश किया है. इसका मतलब हुआ कि यूनिफाइड पेंशन स्कीम का लाभ सभी पात्र कर्मचारियों को खुद-ब-खुद नहीं मिलने वाला है. सभी पात्र सरकारी कर्मचारियों को नेशनल पेंशन स्कीम के साथ यूनिफाइड पेंशन स्कीम का विकल्प मिलने वाला है. यानी अगर कोई कर्मचारी एनपीएस में बने रहना चाहता है तो वह मौजूदा व्यवस्था में बने रह सकता है, लेकिन अगर वह नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम का लाभ पाना चाहता है तो उसके लिए उसे यूपीएस का विकल्प चुनना पड़ेगा.