Child Trafficking: राजधानी में बच्चों की तस्करी का भंडाफोड़, सिंडिकेट में लेबर कमिश्नर भी शामिल?

राजधानी में बच्चों की खरीद-फरोख्त की जानकारी मिलने के बाद सीबीआई की तरफ से अपराधियों के खिलाफ एक्शन लिया गया. सूत्रों के मुताबिक,चाइल्ड ट्रैफिकिंग मामले में असिस्टेंट लेबर कमिश्नर के भी शामिल होने की जानकारी सामने आई है. वह भी इस सिंडिकेट का हिस्सा हो सकते हैं.

इमेज क्रेडिट: सोशल मीडिया

Child Trafficking in Delhi: देश की राजधानी दिल्ली में तमाम जांच एजेंसियों की नाक के नीचे नवजात बच्चों को ‘फल-सब्जी’ की तरह खरीदने-बेचने का धंधा चल रहा था, जिसका खुलासा सीबीआई रेड में होने के बाद सभी हैरान रह गए हैं. एक इनपुट के आधार पर रेड करते हुए सीबीआई टीम ने 7 लोगों को रंगेहाथ गिरफ्तार करते हुए 3 नवजात बच्चों को रेस्क्यू किया है. गिरफ्तार किए गए आरोपियों में एक असिस्टेंट लेबर कमिश्नर भी है, जो इस गोरखधंधे का मास्टरमाइंड माना जा रहा है. सीबीआई ने बताया है कि ये तीनों बच्चे अलग-अलग जगह से चुराए गए थे, जिन्हें बेचने की कोशिश की जा रही थी. सीबीआई ने बच्चों की तस्करी के इस धंधे के तार कई राज्यों से जुड़े होने का दावा किया है.

एक साथ कई जगह की गई रेड
सीबीआई को एक मुखबिर ने दिल्ली में नवजात बच्चों को खरीदने-बेचने का धंधा चलने की जानकारी दी थी. उसने बताया था कि यह गिरोह अस्पतालों में पैदा होते ही नवजात बच्चों की चोरी कर लेता है और इसके बाद उन्हें अलग-अलग जगह बेच दिया जाता है. सीबीआई अधिकारियों के मुताबिक, इस इनपुट के आधार पर कई टीमों बनाई गई थीं. सारी टीमों ने शुक्रवार देर शाम एक साथ दिल्ली-NCR में केशवपुरम, रोहिणी आदि कई जगह पर रेड की थी. इस रेड के दौरान केशवपुरम में एक घर से तीन नवजात बच्चे बरामद हुए हैं और 7 लोग गिरफ्तार किए गए हैं

अस्पताल से गायब हो रहे थे बच्चे!
सीबीआई की टीम इस मामले में बच्चों को बेचने वाली महिला और खरीदने वाले व्यक्ति से पूछताछ कर रही है. इस केस में सीबीआई ने एक महिला समेत कुछ लोगों को हिरासत में लिया है, जिनसे पूछताछ जारी है. बताया जा रहा है कि पिछले दिनों दिल्ली के अस्पतालों से बच्चों के गायब होने की जानकारी मिली थी. इसके बाद जांच एजेंसी को बच्चों की खरीद-फरोख्त किए जाने की सूचना मिली. कहा जा रहा है कि इन दोनों तारों को आपस में जोड़ते हुए ही छापेमारी की गई है.

बड़ी रकम देकर होता था बच्चों का सौदा
आरोपी सिर्फ सगे माता-पिता से ही बच्चे का सौदा नहीं करते है बल्कि सेरोगेट माताओं से भी बच्चे खरीदते है. सीबीआई के मुताबिक एक नवजात बच्चे का सौदा 4 से 6 लाख रुपए में किया जाता है. जांच एजेंसी का कहना है कि ये आरोपी कथित तौर पर गोद लेने से संबंधित फर्जी दस्तावेज बनाकर कई निःसंतान दंपतियों से लाखों रुपये की ठगी करने में भी शामिल हैं. इस मामले में सीबीआई ने 10 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

बच्चा चोरी पूछताछ जारी
दिल्ली के केशवपुरम के एक घर से दो नवजात शिशुओं को सीबीआई की टीम ने छापेमारी के दौरान रेस्क्यू किया है. शुरुआती जांच में इस मामले को नवजात शिशुओं की खरीद फरोख्त का माना जा रहा है. फिलहाल सीबीआई की टीम मामले में बच्चों को बेचने वाली महिला और खरीदने वाले व्यक्ति से पूछताछ कर रही है. एनसीआर और दिल्ली में चाइल्ड ट्रैफिंकिंग के मामले में सीबीआई ने 7-8 बच्चों को रेस्क्यू किया है.

सिंडिकेट का अहम हिस्सा हो सकते है लेबर कमिश्नर
सूत्रों के मुताबिक सीबीआई की रडार पर असिस्टेंट लेबर कमिश्नर भी हैं, उनके रोल का पता लगाया जा रहा है. सूत्रों का कहना है कि ये असिस्टेंट लेबर कमिश्नर इस सिंडिकेट का अहम हिस्सा हो सकते है, सीबीआई ने असिस्टेंट लेबर कमिश्नर को भी हिरासत में लिया है. छापेमारी के दौरान सीबीआई ने साढ़े आरोपियों के पास से 5 लाख रुपए भी बरामद किए. सीबीआई को अबतक की जांच से पता चला है कि आरोपी विज्ञापन के जरिए, फेसबुक पेज और व्हाट्सएप ग्रुप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर देशभर के निःसंतान दंपतियों से जुड़ते हैं, ये वो लोग होते हैं जो बच्चा गोद लेना चाहते हैं.

सूत्रों के मुताबिक, पिछले महीने ही लगभग 10 बच्चे बेचे गए हैं और कुल मिलाकर सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है. सीबीआई ने बाताया कि जांच अब कई राज्यों तक पहुंच गई है. देश के कई प्रमुख अस्पताल गहन जांच के दायरे में आए हैं. सूत्रों ने बताया कि नवजात शिशुओं को 4 से 5 लाख रुपये तक की ऊंची रकम में बेचा जा रहा था. मामले की आगे की जांच जारी है.

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