प्रकाश पर्व पर बोलें CM Yogi…नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा है गुरुओं का गौरवशाली इतिहास
Prakash Parv of Shri Guru Gobind Singh Ji: गुरु गोविंद सिंह के प्रकाश पर्व के मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने गुरु ग्रंथ के समक्ष मत्था टेका। इस दौरान उन्होंने कहा कि देश, धर्म के लिए बलिदान होने वाली लंबी श्रृंखला सदैव से समाज को नया जीवन देती रही है। उन्होंने कहा कि सिख गुरुओं ने अपना शीश देकर भारत के शीश जम्मू-कश्मीर को बचाया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह महाराज शहीद पिता के पुत्र हैं और शहीद पुत्रों के पिता भी हैं। गुरु तेग बहादुर जी महाराज ने देश व धर्म के लिए शहादत दी। उन्होंने सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह को दशमेश पिता बताते हुए समझाया कि गुरु तेग बहादुर ने देश व धर्म के लिए बलिदान होने के लिए प्रेरित किया ताकि विधर्मी बेनकाब हों।
सिख गुरुओं का गौरवशाली इतिहास दे रहा प्रेरणा
सीएम ने कहा कि सिख गुरुओं गुरु नानक देव, गुरु अर्जुन देव, गुरु तेगबहादुर, गुरु गोबिंद सिंह महाराज तक ने जो परंपरा डाली, उनका गौरवशाली इतिहास प्रेरणा प्रदान कर रहा है। सीएम ने सभी से कहा कि गुरु गोबिंद सिंह महाराज के विचित्र नाटक का अध्ययन कीजिए, पता चलेगा कि वे दिव्य महापुरुष थे, जो पूर्व जन्म और उन स्थितियों के बारे में भी अवगत करा रहे हैं, जिन्हें देखकर रोंगटे खड़े होते हैं।
अपना शीश दे कर बचाया भारत का शीश
सीएम ने कहा कि गुरु तेग बहादुर सिंह ने अपना शीश दिया, लेकिन भारत का शीश बचा दिया। कश्मीर को बचाया, जो आज भी भारत का हिस्सा है। वजीर खान गुरु गोबिंद सिंह के छोटे साहिबजादों (जोरावर सिंह-फतेह सिंह) से कहता है कि इस्लाम स्वीकार कर लो, लेकिन इन लोगों ने कहा कि यह नहीं हो सकता। इस पर उन्हें जीवित ही दीवारों में चुनवा दिया गया। चमकौर युद्ध में बड़े साहिबजादों (बाबा अजीत सिंह व जुझार सिंह) ने शहादत को प्राप्त किया। इस दुख में मां गुजरी देवी का प्राणोत्सर्ग हुआ।
चार मुए तो क्या हुआ, जीवित कई हजार…
सीएम ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों से आगे बढ़ते हुए सब कुछ खोने के बाद भी गुरु गोबिंद सिंह ने एक ही बात कही कि चार मुए तो क्या हुआ, जीवित कई हजार… यह मंत्र आज भी पूरे भारत के लिए नई प्रेरणा है। ‘सवा लाख से एक लड़ाऊं, तब गुरु गोबिंद सिंह नाम कहाऊं…’ गुरु परंपरा के प्रति श्रद्धा का यह भाव नई ऊर्जा का संचार और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।
भावी पीढ़ी को इतिहास से अवगत कराना हमारा दायित्व
सीएम ने कहा कि आज का प्रकाश पर्व उसी प्रेरणा का दिवस है, जहां सिख गुरुओं के त्याग, बलिदान व कृतित्व से नई प्रेरणा प्राप्त होती है। लखनऊ का सौभाग्य है कि गुरु तेग बहादुर सिंह महाराज गुरु गोबिंद सिंह को बाल्यकाल में लाकर यहियागंज गुरुद्वारे में रुके थे। इतनी ऐतिहासिक परंपरा का संरक्षण करना, उसे बढ़ाकर भावी पीढ़ी को इतिहास से अवगत कराना हमारा दायित्व बनता है।
हमारे लिए महत्वपूर्ण यह वर्ष
सीएम ने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी महाराज के 350वें शहीदी वर्ष होने के कारण यह वर्ष हमारे लिए महत्वपूर्ण है। जैसे गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व को बड़े उत्साह से आयोजित किया गया था, इन आयोजनों को भी इसी तरह बड़े पैमाने पर करने की आवश्यकता है। यदि इन्हें उसी रूप में बढ़ाएंगे तो भावी पीढ़ी पर उपकार होगा और लोगों को इतिहास के बारे में जानकारी मिलेगी। खालसा पंथ, सिख गुरुओं के त्याग- बलिदान के बारे में प्रेरणा प्राप्त होगी। सीएम ने आह्वान किया कि सिख गुरुओं का बलिदान, उनकी प्रेरणा देश व समाज के लिए उपयोगी बनाने में हम सब अपना योगदान दे पाएंगे।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख ,अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य परविंदर सिंह, डॉ. गुरमीत सिंह, डॉ. अमरजीत सिंह, राजेंद्र सिंह बग्गा, डॉ. हरजोत सिंह, सतनाम सिंह सोढ़ी, सरदार दलजीत सिंह, पार्षद राजू गांधी, सरदार त्रिलोचन सिंह आदि मौजूद रहे।
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