भारत में दिल खोलकर खर्चा कर रहे हैं लोग, क्रेडिट कार्ड के आकड़े दे रहे गवाही
Credit Card: भारत में क्रेडिट कार्ड खर्च में 34 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. ट्रांसयूनियन सिबिल रिपोर्ट के अनुसार, पर्सनल लोन में 11 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई.
Credit Card: भारत में लोग पैसा खर्च करने में अब कंजूसी नहीं कर रहे हैं. इस बात का सबूत है कि भारत में क्रेडिट कार्ड के उपयोग में सितंबर तिमाही में 34 प्रतिशत का इजाफा हुआ है, जबकि 2023 की समान अवधि में यह आंकड़ा 26 प्रतिशत पर था। इसकी वजह ग्राहकों द्वारा अपनी खपत की जरूरतों को पूरा करने के लिए मौजूदा क्रेडिट कार्ड से अधिक खर्च करना है। यह जानकारी सोमवार को जारी की गई एक रिपोर्ट में दी गई। ट्रांसयूनियन सिबिल क्रेडिट मार्केट इंडिकेटर (सीएमआई) रिपोर्ट में कहा गया कि भारत की रिटेल क्रेडिट ग्रोथ में सितंबर 2024 को समाप्त हुई तिमाही में हल्की नरमी देखने को मिली है।
इसकी वजह लोन मांग वृद्धि की दर में सामान्य गिरावट और अधिकांश लोन उत्पादों में क्रेडिट की आपूर्ति में कमी होना है। ट्रांसयूनियन सिबिल के सीईओ और एमडी, भावेश जैन ने कहा, “क्रेडिट कार्ड पर खर्च में मजबूत वृद्धि उपभोक्ताओं के बीच इसकी बढ़ती स्वीकार्यता को दर्शाती है। यह केवल लेनदेन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि क्रेडिट तक आसान पहुंच को भी दिखाती है।”
जैन ने आगे कहा कि यह लेंडर्स के लिए एक अवसर हो सकता है कि वे ऐसे उपभोक्ताओं की पहचान करें जिन्हें अपने उपभोग के लिए अतिरिक्त लोन की आवश्यकता है और उन्हें बेहतर और किफायती समाधान उपलब्ध कराएं। रिपोर्ट के अनुसार, पर्सनल लोन में सालाना आधार पर दोहरे अंकों की वृद्धि दर्ज की गई, जो कि सितंबर 2024 में 11 प्रतिशत रही है। यह वृद्धि दर पिछले साल के समान अवधि के आंकड़े 32 प्रतिशत से काफी कम है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि दोपहिया वाहनों और प्रॉपर्टी के बदले लोन में भी मजबूत वृद्धि देखी गई है। जैन ने सुझाव दिया, “बाजार की बदलती परिस्थितियों का मतलब है कि लेंडर्स को रिटेल लोन वृद्धि के लिए टारगेटेड एप्रोच अपनाने की आवश्यकता है। नई विश्लेषणात्मक तकनीकों द्वारा पोर्टफोलियो निगरानी लेंडर्स को पूरे भारत में योग्य उपभोक्ताओं को विवेकपूर्ण तरीके से लोन देने में सक्षम बनाएगी, जो आर्थिक गतिविधि और विकास के लिए एक वाहक के रूप में काम करेगा।”
— आईएएनएस