मस्जिद विवाद को लेकर शिमला में कर्फ्यू का माहौल, भारी पुलिस बल तैनात
Shimla Masjid Case: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में संजौली मस्जिद का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। शिमला के संजौली क्षेत्र में कानून और शांति व्यवस्था बनाए रखने की दिशा में जिला प्रशासन ने संजौली में धारा 163 लागू कर दी है। इसके लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात है।
गौरतलब है कि अवैध मस्जिद मामले को लेकर सामाजिक संगठनों द्वारा बुधवार को संजौली में रोष प्रदर्शन करने का ऐलान किया गया था, लेकिन प्रशासन की ओर से सामाजिक संगठनों को प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं दी गई है, जिसके चलते संजौली में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.
संजौली में लागू रहेगा धारा 163
इस क्षेत्र में सामान्य जनजीवन पूरी तरह से सुचारू रहेगा। जिला दंडाधिकारी अनुपम कश्यप ने बताया कि संजौली में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए आदेश दिया गया है। इसके तहत जिला के संजौली क्षेत्र में कानून व्यवस्था कायम रखने व शांति व्यवस्था बनाए रखने की दृष्टि से 5 या 5 से अधिक व्यक्तियों के एकत्रित होने पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहेगा।
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मस्जिद विवाद पर सीएम सुक्खू का बयान
इस घटनाक्रम को लेकर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का कल बयान आया था जिसमें उन्होंने कहा था कि इस मामले को राजनीतिक रंग देना ठीक नहीं है. राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है. शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का अधिकार सभी को हैं. राज्य में सभी समुदाय की रक्षा भी राज्य सरकार का दायित्व है.
दरअसल, संजौली स्थित मस्जिद में अवैध निर्माण के विरोध में 11 सितंबर को होने वाले प्रदर्शन को टालने के लिए जिला प्रशासन और हिंदू संगठनों के बीच वार्ता विफल हो गई है। इसके बाद जिला प्रशासन ने किसी भी आपात परिस्थिति से निपटने के लिए नवबहार चौक से ढली टनल, आईजीएमसी से संजौली चौक, संजौली चौक से चलौंठी और ढली वाया संजौली-चलौंठी जंक्शन क्षेत्र में बुधवार सुबह सात से रात 11:59 बजे तक धारा 163 लगा दी है।
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वहीं हिंदूवादी संगठन प्रदर्शन पर अड़े हुए हैं। इससे माहौल तनावपूर्ण हो गया है। इससे पहले उपायुक्त कार्यालय शिमला में सोमवार देर रात गुपचुप बुलाई गई बैठक में प्रशासन ने लोगों से बातचीत कर प्रदर्शन टालने की बात रखी, लेकिन दूसरा पक्ष मस्जिद में हुए अवैध निर्माण को गिराने पर अड़ा रहा। सभी पक्षों से दो घंटे तक हुई वार्ता के बाद कोई नतीजा नहीं निकला। बैठक में संजौली में संघर्ष के लिए बनाई गई हिंदू संघर्ष समिति, हिमाचल देवभूमि संघर्ष समिति और सिविल सोसायटी के पदाधिकारी मौजूद थे।
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