ब्रेकिंग: डीपफेक पर सरकार सख्त, सख्त कानून बनाने की तैयारी

डीपफेक (Deepfake) को लेकर सरकार अब एक्शन में आ गई है। IT मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि डीपफेक आज एक बहुत बड़ा सामाजिक खतरा बनकर सामने आया है। इस पर हम सबको मिलकर काम करना होगा।

इमेज क्रेडिट : सोशल मीडिया

केंद्रीय दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ‘डीपफेक’ को लोकतंत्र के लिए नया खतरा करार देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार इस मामलों को लेकर चिंतित है और लोगों की बढ़ती चिंता से निपटने के लिए केंद्र जल्द ही एक नया कानून लाएगा या मौजूदा कानूनों में संशोधन करेगा. आईटी मंत्री ने ‘डीपफेक’ के मुद्दे पर सोशल मीडिया मंचों के प्रतिनिधियों से बृहस्पतिवार को मुलाकात की। उन्होंने कहा कि डीपफेक वीडियो बनाने वालों और उन्हें होस्ट करने वाले प्लेटफॉर्मों को दंडत किया जाएगा.

मंत्री ने कहा कि हमें तत्काल कदम उठाने की जरूरत है और हमने ये फैसला किया है कि हम कुछ ही हफ्तों में डीपफेक को कानूनी दायरे में लाने के लिए मसौदा तैयार करने कोशिश की जाएगी। उन्होंने कहा कि आज चार पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करने पर बात हुई, जिनमें शामिल है…

  • डीप फेक का पता लगाना
  • इसकी रोकथाम
  • रिपोर्टिंग तंत्र
  • जागरूकता बढ़ाने की जरूरत

अलग अलग तरीके से करते हैं टारगेट

इसके जरिए लोगों तक गलत जानकारी, वीडियो, फोटो और मैलवेयर पहुंचाए जाते हैं। क्लियरफेक का इस्तेमाल कर के ठग अब फेक वेबसाइट बना रहे हैं और यूजर्स से ब्राउजर को अपडेट करने के लिए कहते हैं। ये इस तरह से डिजाइन किए गए हैं कि यूजर्स को लगता है कि वेबसाइट एकदम असली है और लोग कम्प्रोमाइज्ड ब्राइजर जिसमें गलत जावास्क्रिप्ट कोड रहते हैं, उसे इनस्टॉल कर लेते हैं। एएमओएस सिस्टम इनस्टॉल हो जाने के बाद ये तमाम तरह की जानकारी को इकट्ठा करने लगते है। जानकारी इकट्ठा कर के ठग लोगों को फिर अलग-अलग तरह से टारगेट करते हैं।

ऐसे रहे सुरक्षित

  • खुद को इससे सुरक्षित रखने के लिए हमेशा सॉफ्टवेयर को आधिकारिक वेबसाइट से डाउनलोड करना चाहिए और किसी भी थर्ड पार्टी से कोई भी
    सॉफ्टवेयर कभी भी इनस्टॉल नहीं करना चाहिए।
  • अपने सॉफ्टवेयर को अप-टू डेट रखना चाहिए
  • ऐसे ऐप्स जो macOS गेटकीपर सुरक्षा को बायपास करने के लिए कहते हैं उनसे भी सावधान रहने की जरूरत है और इन्हें इनस्टॉल नहीं करना चाहिए।
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