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Delhi: कतर में जासूसी के आरोप में सजा काट रहे 8 भारतीय नौसैनिक रिहा, मोदी सरकार की बड़ी कूटनीतिक जीत
विदेश मंत्रालय ने सोमवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि कतर में मौत की सजा पाए भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों को रिहा कर दिया गया है. विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि उनमें से सात भारत लौट आए हैं. यह भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत है|
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नई दिल्ली: कतर में मौत की सजा पाने वाले आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों ने अपनी रिहाई के बाद सुरक्षित भारत लौटने पर भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसका श्रेय दिया और कहा कि उनकी अथक कोशिशों का ही नतीजा है कि वे लोग आज अपने वतन वापस आ सके हैं. कथित तौर पर जासूस के आरोप में गिरफ्तार किए गए सभी आठ भारतीयों को कतर ने सोमवार देर रात रिहा कर दिया, जिसके बाद उनमें से सात भारत लौट आए हैं. इस मामले में भारत सरकार की कूटनीति काबिले तारीफ है। कुछ दिन पहले लोकसभा में AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी बोले ने सरकार को चैलेंज करते हुए कहा था कि कतर में फंसे सैनिकों को वापस लाकर दिखाइए। किसे मालूम था कि सरकार अंदरखाने ऐसी रणनीति बनाएगी कि हमारे पूर्व नौसैनिकों को कतर वापस भेज देगा। कतर के इस फैसले का भारत के विदेश मंत्रालय ने स्वागत किया है। इस पूरे मामले की इनसाइड स्टोरी हम आपको बता रहे हैं।
पीएम मोदी ने की थी कतर के शेख से मुलाकात, द्विपक्षीय संबंधों पर हुई वार्ता
हाल ही में कतर की अदालत ने इन आठ पूर्व नौसैनिकों को फांसी की सजा सुनाई थी। कुछ दिनों के बाद सैनिकों की सजा को माफ कर दिया गया। दरअसल भारत और कतर के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। दोनों देशों के बीच मजबूत व्यापारिक संबंध हैं। ऐसे में भारत ने शुरू से ही इस मामले को लेकर कतर से बातचीत जारी रखी। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल दिसंबर में कतर के अमीर शेख तमीम बिन हम्द अल-थानी से दुबई में हुए सीओपी 28 सम्मेलन से इतर मुलाकात की थी। इस मीटिंग में पीएम मोदी ने पूर्व भारतीय नौसैनिकों की रिहाई के मसले पर बात की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने भी इस मीटिंग का जिक्र करते हुए ये बताया कि दोनों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को लेकर एक अच्छी वार्ता हुई।
पिछले सप्ताह हुई थी भारत-कतर के बीत डील
गौर करने की बात ये भी है कि पूर्व नौसैनिकों की रिहाई उस समय हुई है, जब पिछले सप्ताह ही दोनों देशों के बीच एक अहम समझौता हुआ था। इस समझौते के तहत भारत कतर से लिक्विफाइड नेचुरल गैस (LNG) खरीदेगा। ये डील अगले 20 सालों के लिए हुई है और इसकी लागत 78 अरब डॉलर है। भारत की पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड (पीएलएल) कंपनी ने कतर की सरकारी कंपनी कतर एनर्जी के साथ ये करार किया है। इस समझौते के तहत कतर हर साल भारत को 7.5 मिलियन टन गैस निर्यात करेगा। इस गैस से भारत में बिजली, उर्वरक और सीएनजी बनाई जाएगी।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बनाई मजबूत कूटनीति
जब ये खबर आई कि कतर में आठ भारतीय पूर्व नौसैनिकों को सजा सुनाई गई है, तभी से भारत का विदेश मंत्रालय इस मसले को सुलझाने में लग गया। कतर में भारत के पूर्व राजदूत दीपक मित्तल वहां की सरकार से सजा खारिज करने के लिए चर्चा में जुट गए। कतर में भारत सरकार का पक्ष रखने में मित्तल की बड़ी भूमिका रही, वो कतर में मार्च तक भारतीय राजदूत के रूप में काम कर रहे थे।
घरेलू स्तर पर भी कोई कसर नहीं छोड़ी
एक तरफ जहां सरकार कतर में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कूटनीतिक रणनीतियों को अंजाम दे रही थी, तो वहीं दूसरी तरफ घरेलू स्तर पर भी काम कर रही थी। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मौत की सजा पाए पूर्व नौसैनिकों के परिवारों से मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया कि सरकार उनकी रिहाई को सुरक्षित करने के लिए हर संभव प्रयास करती रहेगी। नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार ने भी कहा कि सरकार नौसैनिकों को छुड़ाने के लिए कोशिश कर रही है। इधर विपक्षी पार्टियां इस मामले को लेकर लगातार केंद्र सरकार को घेरती रहीं।
कतर की सरकार ने इन आठ नौसैनिकों के खिलाफ लगे आरोपों का खुलासा नहीं किया। हालांकि द फाइनेंशियल टाइम्स ने बताया कि उन्हें कतर की पनडुब्बी प्रोग्राम के लिए इजरायल के लिए जासूसी करने के संदेह में गिरफ्तार किया गया था। भारत सरकार ने आरोपों को लेकर तो कुछ नहीं कहा, लेकिन उसने अपने नागरिकों के साथ उचित व्यवहार की करने पर जोर दिया था।
बता दें कि जेल से रिहा हुए ये पूर्व नौसैनिक दाहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टिंग सर्विसेज में काम करते थे। कतर ने इन्हें पिछले साल गिरफ्तार किया। कंपनी ने इस कंपनी को भी बंद कर दिया। जिन भारतीयों को गिरफ्तार किया गया था, उसमें कमांडर (रिटायर्ड) पूर्नेंदु तिवारी, कैप्टन (रिटायर्ड) नवतेज सिंह गिल, कमांडर (रिटायर्ड) बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन (रिटायर्ड) सौरभ वशिष्ठ, कमांडर (रिटायर्ड) सुग्नाकर पकाला, कमांडर (रिटायर्ड) अमित नागपाल, कमांडर (रिटायर्ड) संजीव गुप्ता, और सेलर रागेश शामिल थे।