बीजेपी ने चुनावी फायदे के लिए लागू किया नागरिकता संशोधन कानून- सीएम केजरीवाल

Kejriwal Attacks on CAA: देशभर में नागरिकता संशोधन कानून लागू होने के बाद सियासत गरमाई हुई है. इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज सीएए पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि ये वोट बैंक बनाने का खेल है, भाजपा वोट बैंक की राजनीति कर रही है.

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केजरीवाल ने कहा कि अगर भाजपा ने 10 साल में काम किया होता तो इन्हें चुनाव से पहले सीएए लाने की जरूरत नहीं पड़ती। भारत सरकार का जो पैसा है, उसका उपयोग हमारे परिवारों और देश के विकास के लिए किया जाना चाहिए। इसका उपयोग पाकिस्तानियों को बसाने के लिए किया जाएगा। 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नागरिकता संशोधन कानून पर आज बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। आपको बता दें केंद्र की मोदी सरकार ने सीएए को लागू कर दिया है। नोटिफिकेशन जारी होते हुए नागरिकता संबंधी नए कानून का विपक्षी दल विरोध करना शुरु कर दिए है। कुछ महीने बाद देश में लोकसभा चुनाव होने वाले है, ऐसे में हर राजनीतिक दल पक्ष -विपक्ष में सीएए को लेकर चुनावी फायदा उठाने की फिराक में है। कोई पार्टी इसका समर्थन कर रहा है, तो कई पार्टियां विरोध कर रही है। पश्चिम बंगाल और केरल राज्य के मुख्यमंत्री ने सीएए को अपने राज्य में लागू करने से मना कर दिया है। हालांकि नागरिकता मामले में राज्यों को ये अधिकार नहीं है, क्योंकि नागरिकता संविधान की संघ सूची का विषय है। केजरीवाल ने कहा बेरोज़गारी चरम पर है, युवा नौकरी के लिए दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर हैं।

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा…

‘यह सीएए क्या है? केंद्र की बीजेपी सरकार का कहना है कि अगर तीन देशों बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक भारतीय नागरिकता लेना चाहेंगे तो उन्हें भी नागरिकता दी जाएगी। इसका मतलब है कि बड़ी संख्या में लोग अल्पसंख्यकों को हमारे देश में लाया जाएगा। उन्हें नौकरियां दी जाएंगी और उनके लिए घर बनाए जाएंगे। भाजपा हमारे बच्चों को नौकरी नहीं दे सकती लेकिन वे पाकिस्तान से आए बच्चों को नौकरी देना चाहते हैं। हमारे कई लोग बेघर हैं लेकिन भाजपा पाकिस्तान से आए लोगों को यहां बसाना चाहती है। वे हमारी नौकरियां अनके बच्चों को देना चाहते हैं। वे पाकिस्तानियों को हमारे सही घरों में बसाना चाहते हैं। भारत सरकार का जो पैसा है, उसका उपयोग हमारे परिवारों और देश के विकास के लिए किया जाना चाहिए। इसका उपयोग पाकिस्तानियों को बसाने के लिए किया जाएगा।’

क्या है नागरिकता संशोधन कानून?
नागरिकता संशोधन विधेयक से अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई अवैध प्रवासियों को नागरिकता के लिए पात्र बनाने के लिए नागरिकता अधिनियम, 1955 में संशोधन किया गया है। 

नागरिकता संशोधन विधेयक 9 दिसंबर 2019 को लोकसभा में प्रस्तावित किया गया था। 9 दिसंबर 2019 को ही विधेयक सदन से पारित हो गया। 11 दिसंबर 2019 को यह विधेयक राज्यसभा से पारित हुआ था।

नए कानून में क्या प्रावधान हैं? 
नागरिकता अधिनियम में देशीयकरण द्वारा नागरिकता का प्रावधान किया गया है। आवेदक को पिछले 12 महीनों के दौरान और पिछले 14 वर्षों में से आखिरी साल 11 महीने भारत में रहना चाहिए। कानून में छह धर्मों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) और तीन देशों (अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान) से संबंधित व्यक्तियों के लिए 11 वर्ष की जगह छह वर्ष तक का समय है। 

नागरिकता अधिनियम, 1955 में संशोधन कर नए नागरिकता कानून यानि सीएए से अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई अवैध प्रवासियों को भारत की नागरिकता प्रदान की जाएगी। आपको बता दें नागरिकता संशोधन विधेयक 9 दिसंबर 2019 को लोकसभा में प्रस्तावित किया गया था। और 9 दिसंबर 2019 को ही विधेयक निम्न सदन से पारित हो गया। 11 दिसंबर 2019 को यह विधेयक उच्च सदन राज्यसभा से पारित हुआ था।

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