Delhi News: कोर्ट में केजरीवाल को लेकर दुविधा में दिखी ED, फैसला सुरक्षित

दिल्ली आबकारी घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर आज बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई हो रही है। इस दौरान कोर्ट रूम में ईडी के वकील और केजरीवाल के वकील के बीच खूब बहस हुई। हालांकि दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर रख लिया है।

इमेज क्रेडिट: सोशल मीडिया

जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है. केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी और 22 मार्च को ट्रायल कोर्ट द्वारा पारित रिमांड के आदेश को चुनौती दी थी. हाई कोर्ट में दायर याचिका में केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी और रिमांड को अवैध बताया था. आज इसी मामले को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट की जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की अध्यक्षता वाली बेंच में सुनवाई की गई. केजरीवाल की ओर से वकील अभिषेक मनु सिंघवी पैरवी की और ईडी की ओर से की गई गिरफ्तारी पर सवाल उठाए. दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है.

सुनवाई के दौरान केजरीवाल की ओर से सिंघवी ने उठाए ये सवाल
* गिरफ्तारी की टाइमिंग

  • गिरफ्तारी का आधार
  • गिरफ्तार चुनाव में अक्षम बनाने की कोशिश
  • गिरफ्तारी अपमानित करने का प्रयास
  • गिरफ्तारी के लिए कोई सामग्री नहीं
  • गिरफ्तारी में पीएमएलए की धाराओं के तहत प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया.

सिंघवी द्वारा समय मांगने पर एस वी राजू ने जताई आपत्ति
लंच ब्रेक से पहले अरविंद केजरीवाल के वकील सिंघवी ने अपनी दलीलें पूरी कर ली थी। उन्होंने कोर्ट से कहा कि सीनियर एडवोकट अमित देसाई को दलीलें रखने के लिए 5 मिनट दे दिए जाएं, उसके बाद एएसजी अपनी दलीलें रख सकते हैं। ईडी की ओर से एएसजी एस वी राजू ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति के लिए एक ही वकील पेश हो सकता है। आप प्रभावशाली, अमीर व्यक्ति होंगे जो कई बड़े टॉप वकीलों को हायर कर सकते हैं पर क्रिमिनल लॉ सबके लिए बराबर है। आप आम आदमी होने का भले ही दावा करते हैं, पर हैं नहीं। जिसके बाद जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने देसाई से कहा कि वह लिखित में अपनी बात अदालत को सौंप दे। ब्रेक के बाद कोर्ट ईडी की दलीलें सुनेगी।

जस्टिस सर्वण कांता ने सिंघवी से किया सवाल
जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने सिंघवी से सवाल किया- आपने जो दो जजमेंट रेफर किए, उनमें आवेदक को दोषी ठहराया जा चुका था। एक मामला जिसमें दोषी ठहराया जा चुका है और दूसरा केस जिमें चार्जशीट फाइल तक नहीं हुई है, दोनों के Standard of Time बिल्कुल अलग हैं। सिंघवी – मैं मामले को संपूर्ण तौर पर अदालत के सामने रखने की कोशिश कर रहा हूं। सरथ रेड्डी के बयानों का जिक्र करते हुए सिंघवी ने हाई कोर्ट से कहा कि उसके 13 से ज्यादा बयान दर्ज किए गए, जिसमें से 11 बयानों में मेरे खिलाफ कोई बयान नहीं है। पर अदालत का ध्यान बाद के वाले बयानों में गया। 11 बयानों पर नहीं जो पहले दिए गए…यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। इसके बाद उन्हें जमानत मिल जाती है। माफ कर दिया जाता है। अफसोस की बात है। यह बिल्कुन भी फेयर प्ले नहीं है।

केजरीवाल को लेकर क्यों दुविधा में है ED?
वहीं, ED की ओर से पैरवी करते हुए ASG SV राजू ने कहा कि मैं थोड़ी दुविधा में हूं. इस याचिका पर इस तरह से बहस की गई है जैसे कि यह जमानत की अर्जी है न कि गिरफ्तारी को रद्द करने की याचिका. ASG ने कहा कि हम आम आदमी पार्टी की कुछ संपत्तियों को अटैच करना चाहते हैं. अगर हम ऐसा करेंगे तो वे कहेंगे कि चुनाव के समय ये सब किया है. अगर हम ऐसा नहीं करेंगे तो वे कहेंगे कि सबूत कहां हैं? इसलिए मैं थोड़ी दुविधा में हूं. जहां तक अरविंद केजरीवाल का सवाल है, जांच अभी पूरी नहीं हुई है. यह अभी शुरुआती चरण में है.

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