दिल्ली: महिला सिपाही की मर्डर मिस्ट्री से 2 साल बाद उठा परदा, कातिल हेड कॉन्स्टेबल

दिल्ली पुलिस में तैनात महिला सिपाही की हत्या करने वाला शख्स हेड कांस्टेबल था. जिसने दो वर्ष पूर्व महिला कांस्टेबल की हत्या कर दी थी, लेकिन वह अपने रिश्तेदार की मदद से दो साल तक बचता रहा. क्राइम ब्रांच में मामला आने के बाद इस मर्डर मिस्ट्री का खुलासा हुआ.

इमेज क्रेडिट-सोशल मीडिया

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 2 साल पहले दिल्ली पुलिस की एक महिला कांस्टेबल की हत्या मामले का खुलासा करते हुए मास्टरमाइंड समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इस कत्ल को अंजाम देने वाले मास्टरमाइंड का नाम सुरेंद्र सिंह राणा है जो कि दिल्ली पुलिस में हेड कांस्टेबल के पद पर कार्यरत था और पीसीआर यूनिट में तैनात था. दूसरे आरोपी का नाम रवीन है, जो कि सुरेंद्र का साला है. तीसरे आरोपी का नाम राजपाल है. ये रवीन का मित्र है.

हेड कांस्टेबल सुरेंद्र राणा ने 8 सितंबर 2021 में महिला पुलिसकर्मी की गला दबाकर हत्या की थी और अलीपुर नाले में शव को डंप कर दिया था. पुलिस ने शनिवार के दिन अलीपुर इलाके से 2 साल बाद लड़की का कंकाल बरामद किया है. कंकाल का परिवार वालो से डीएनए मैच करवाया जाएगा.

पुलिस के मुताबिक महिला कांस्टेबल 2014 में, जबकि सुरेंद्र 2012 में दिल्ली पुलिस में भर्ती हुआ. महिला कांस्टेबल पीसीआर में तैनात थी. वहीं से सुरेंद्र उसके संपर्क में आ गया और दोनों एक दूसरे के काफी करीब आ गए. महिला कांस्टेबल को ये नहीं पता था कि सुरेंद्र शादीशुदा है. महिला कॉन्स्टेबल का यूपी पुलिस में सब इंस्पेक्टर रैंक पर सिलेक्शन हो गया था और वह साथ ही यूपीएससी की तैयारी कर रही थी. इसी वजह से उसने दिल्ली पुलिस से रिजाइन कर दिया था. 20 अक्टूबर 2021 में मुखर्जी नगर थाने में महिला कांस्टेबल की गायब होने की शिकायत दर्ज की गई थी. जिसमें बताया गया की 8 सितंबर 2021 से महिला गायब है.

एसएचओ ने नहीं की थी मदद

महिला कांस्टेबल के परिवार वालों ने मुखर्जी नगर थाने में जाकर मामले की जांच करने की गुहार लगाई. लेकिन उस वक्त मौजूद एसएचओ ने कोई सख्त कार्रवाई इस मामले में नहीं की. जिसके कारण अब इस परिवार को यह खमियाजा भुगतना पड़ा. शुरुआत मे पीड़ित परिवार दिल्ली पुलिस कमिश्नर से मुलाकात करने के लिए पहुंचा और उसके बाद दिल्ली कमिश्नर ने इस मामले को लोकल थाना से ट्रांसफर कर क्राइम ब्रांच को सौंप दिया था.

क्राइम ब्रांच ने की जांच शुरू कर किया खुलासा

कुछ महीने पहले इसकी जांच क्राइम ब्रांच ने शुरू की. तो उसने उस नंबर की जांच की, जिससे रवीन अरविंद बनकर फोन करता था. जांच में पता चला कि ये नंबर पवन नाम के शख्स का है. लेकिन उसने राजपाल नाम के शख्स की सिम लगी थी. राजपाल से पूछताछ के बाद हत्या का राज खुल गया. राजपाल पवन का दोस्त है उसके बाद सुरेंद्र सिंह राणा को भी गिरफ्तार कर लिया गया.

घर वालो को गुमराह करता था आरोपी

पुलिस के मुताबिक सुरेंद्र लगातार कांस्टेबल के घरवालों के साथ उसे खोजने का ड्रामा करता रहा. कई बार वो कांस्टेबल के घरवालों के साथ वो पुलिस थाने भी गया था. जिससे परिवार वालो को उस पर शक न हो. वो कांस्टेबल के बैंक अकाउंट से लेनदेन करता था जिससे लगे वो जिंदा है, उसके सिमकार्ड का भी इस्तेमाल करता रहा था, वो कांस्टेबल के घरवालों को झूठी जानकारी देकर कहता कि उसे किसी ने फोन किया है और इस लोकेशन पर है फिर कांस्टेबल के घरवालों के साथ उस लोकेशन पर जाता था.

हत्या की वजह

क्राइम ब्रांच के अनुसार महिला कांस्टेबल आरोपी से छुटकारा पाना चाहती थी. कांस्टेबल ने दिल्ली पुलिस से रिजाइन दे दिया था और यूपीएससी की तैयारी कर रही थी और पढ़ाई में काफी ज्यादा होशियार थी. मोना, आरोपी सुरेंद्र से काफी परेशान हो गई थी. वहीं आरोपी सुरेंद्र को यह लगता था, कांस्टेबल उससे कई साल छोटी है. पढ़ाई में बहुत होशयार है और यूपीएससी की तैयारी कर रही है. आगे जाकर महिला कांस्टेबल एक अच्छे पद पर तैनात हो सकती है.

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