Delhi-NCR में नाम बदलकर रह रहे थे बांग्लादेशी घुसपैठिये, पुलिस ने दबोचा

Delhi News: दिल्ली पुलिस पिछले काफी दिनों से दिल्ली में अवैध बांग्लादेश्यों की पहचान के लिए अभियान चला रही है। इसी कड़ी में दिल्ली पुलिस ने अवैध बांग्लादेशी को दबोचा है।

Delhi News: दिल्ली पुलिस ने एक विशेष अभियान के तहत दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र से सात अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को हिरासत में लिया है। इनमें एक नाबालिग लड़की भी शामिल है। ये लोग वैध दस्तावेजों के बिना भारत में रह रहे थे। पूर्वी जिला पुलिस ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ अभियान तेज कर दिया है। इसके लिए स्पेशल स्टाफ और एंटी-नारकोटिक्स स्क्वॉड की दो टीमें बनाई गईं। इन टीमों ने इंस्पेक्टर जितेंद्र मलिक और इंस्पेक्टर अरुण कुमार के नेतृत्व में काम किया। एडिशनल डीसीपी निथ्या राधा कृष्ण के मार्गदर्शन में यह ऑपरेशन चलाया गया।

वैध दस्तावेजों के बिना भारत में रह रहे

16 मार्च को गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने दिलावर खान नाम के शख्स को कृष्णा नगर से पकड़ा। पहले उसने खुद को पश्चिम बंगाल का निवासी बताया, लेकिन पूछताछ में पता चला कि वह बांग्लादेश के खुलना जिले का रहने वाला है। उसकी जानकारी के आधार पर पुलिस ने दिल्ली के लक्ष्मी नगर, लाजपत नगर, सीमापुरी, कृष्णा नगर और गाजियाबाद के शालीमार गार्डन में छापे मारे। इन छापों में छह अन्य बांग्लादेशी नागरिक पकड़े गए।

नदी के रास्ते अवैध तरीके से भारत में घुसे

पुलिस के मुताबिक, ये लोग भारत-बांग्लादेश सीमा के पास नदी के रास्ते अवैध तरीके से भारत में घुसे थे। यहां पहचान छिपाने के लिए ये अलग-अलग जगहों पर रह रहे थे। पकड़े गए लोगों में दिलावर खान (48), ब्यूटी बेगम (39), एक नाबालिग लड़की (15), रफीकुल (43), तौहीद (20), मोहम्मद अजहर (28) और जाकिर मलिक (40) शामिल हैं। ये सभी बांग्लादेश के अलग-अलग जिलों से हैं।

अब इन सभी को विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ), आरके पुरम में पेश किया जाएगा, जहां से निर्वासन की प्रक्रिया शुरू होगी। पुलिस का कहना है कि अवैध प्रवासियों को पकड़ने और देश से बाहर करने के लिए यह अभियान आगे भी जारी रहेगा।

पूर्वी जिला पुलिस ने इस ऑपरेशन को बड़ी सफलता बताया है। टीमें लगातार मेहनत कर रही हैं ताकि ऐसे लोगों की पहचान हो सके जो बिना अनुमति के देश में रह रहे हैं। स्थानीय लोगों से भी अपील की गई है कि वे संदिग्ध गतिविधियों की सूचना पुलिस को दें। इस अभियान से दिल्ली-एनसीआर में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने में मदद मिलेगी।

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