PM मोदी के चुनाव लड़ने पर प्रतिबन्ध की मांग, सुप्रीम कोर्ट का सुनवाई से इनकार

Loksabha Election: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को वाराणसी संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन किया. वे तीसरी बार उत्तर प्रदेश की इस सीट से चुनाव मैदान में उतरे हैं. लेकिन इसी बीच पीएम मोदी के चुनाव लड़ने पर छह साल की रोक लगाने को लेकर एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई.

याचिकाकर्ता की ओर से अर्जी में दावा किया गया कि पीएम मोदी अपने चुनावी जनसभाओं में धर्म, भगवान और मंदिर के नाम पर वोट मांग रहे हैं. वे लगातार इसी तरह के मुद्दों पर वोट मांग रहे हैं. ऐसा करने के लिए उन पर कार्रवाई होनी चाहिए. याचिका में पीएम मोदी के चुनाव लड़ने पर छह साल रोक लगाने की मांग की गई.

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा, “मैंने पीएम मोदी के जरिए दिए गए भाषणों को संलग्न किया है, जहां उन्होंने साफ तौर पर भगवान के नाम पर वोट मांगा है.” जस्टिस नाथ ने कहा कि याचिकाकर्ता ने पहले चुनाव आयोग से संपर्क किए बिना सीधे कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. जस्टिस ने आगे कहा, “इस तरह अनुच्छेद 32/226 के तहत न आएं. आपको प्राधिकरण से संपर्क करना होगा. यदि आप हटना चाहते हैं, तो हम आपको इजाजत देंगे.”

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका
सुप्रीम कोर्ट में चुनाव प्रचार के दौरान नफरती भाषणों को रोकने के लिए चुनाव आयोग को निर्देश देने वाली एक अन्य याचिका भी दायर की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को भी खारिज कर दिया। दिल्ली हाईकोर्ट में भी याचिका दायर कर ऐसी मांग की गई थी, लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने भी याचिका खारिज कर दी थी।

हाईकोर्ट ने कहा कि वह चुनाव आयोग के कामकाज की देखरेख नहीं कर सकते। चुनाव आयोग भी एक संवैधानिक संस्था है और ये नहीं मान सकते कि वह इस मामले में कुछ नहीं कर रही है।

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