Dhanteras: माँ लक्ष्मी व कुबेर को लुभाती है ये पांच चीज, इन्हें घर लाने से बढ़ेगी सुख-समृद्धि
दिवाली उत्सव का त्यौहार है. इसको लेकर शहरवासियों में भी खूब उत्साह देखने को मिल रहा है. इस कारण बाजार की रौनक बढ़ गई है. धनतेरस पर ऐसी चीजें खरीदने की मान्यता है जिससे घर सुख-समृद्धि आए। आइए जानते हैं कि धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी को प्रिय किन 5 चीजों को खरीदने से उनकी कृपा प्राप्त होती है।

धनतेरस सबसे प्रमुख हिंदू त्योहारों में से एक है, जिसे पूरे देश में बेहद उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाता है. इस शुभ दिन पर लोग विभिन्न धार्मिक गतिविधियों में शामिल होते हैं और भगवान कुबेर, भगवान धन्वंतरि और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं. वे अपने घर के बाहर दीये और मोमबत्तियां जलाते हैं. हर साल धनतेरस दिवाली दो दिन पहले मनाया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है. इस बार धनत्रयोदशी 10 नवंबर यानी आज मनाई जा रही है.
धनतेरस पर जरूर खरीदें ये पांच चीज
धनतेरस पर चांदी के लक्ष्मी-गणेश खरीद सकते हैं। यह संभव न हो तो मिट्टी के लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति खरीदें। ध्यान रहे कि इनकी ऊंचाई अंगूठे जितनी होनी चाहिए। अगर इससे बड़ी मूर्ति खरीदकर घर के मंदिर में स्थापित करते हैं तो रोज उस प्रतिमा का विधि-विधान से पूजा-पाठ करना होगा, अन्यथा मूर्ति दोष लग सकता है। धनतेरस से दिवाली तक इन मूर्तियों की पूजा करें और बाद में इन्हें तिजोरी में रखें। नियमित धूप-दीप करें। इससे आपके धन में वृद्धि होगी।
धनतेरस के दिन धनिया बीज अवश्य खरीदें। धनिए को धन का प्रतीक माना जाता है। लक्ष्मी पूजन के समय देवी को धनिया अर्पित करने के बाद अपने बगीचे में कुछ बीज बो दें और कुछ को कौड़ी और गोमती चक्र के साथ तिजोरी में रखें।
धनतेरस के दिन अपने घर की लक्ष्मी यानी अपनी पत्नी को उपहार में सोने-चांदी के गहने देने के अलावा लाल वस्त्र और सुहाग का सामान भी भेंट कर सकते हैं। यह शुभ और मंगलकारी माना जाता है।
धनतेरस के दिन झाडू खरीदने से घर में लक्ष्मी का वास बना रहता है। अगर आप आर्थिक तंगी से परेशान है तो इस धनतेरस झाड़ू को जरूर खरीदे और उससे जुड़ी इन मान्यताओं का भी रखें ध्यान।
धनतेरस के दिन पांच देवताओं, गणेश जी, मां लक्ष्मी, ब्रह्मा, विष्णु और महेश की पूजा की जाती है। मान्यता के मुताबिक भगवान धन्वंतरी का जन्म त्रयोदशी के दिन कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन ही धन्वंतरी का जन्म हुआ था, इसलिए इस तिथि को धनतेरस के रूप में मनाया जाता है। धन्वंतरी जब प्रकट हुए थे, तो उनके हाथों में अमृत से भरा कलश था।
धनतेरस पूजा मंत्र
देवान कृशान सुरसंघनि पीडितांगान, दृष्ट्वा दयालुर मृतं विपरीतु कामः
पायोधि मंथन विधौ प्रकटौ भवधो, धन्वन्तरि: स भगवानवतात सदा नः
ॐ धन्वन्तरि देवाय नमः ध्यानार्थे अक्षत पुष्पाणि समर्पयामि।