Jaya Ekadashi Vrat: इस दिन है जया एकादशी, व्रत करने से मिलेगा पापों से मुक्ति…

Jaya Ekadashi Vrat: साल में पड़ने वाली सभी 24 एकादशी का अलग-अलग महत्व है और उसी के अनुसार फल भी मिलता है. इसी क्रम में जया एकादशी होगी. इस दिन व्रत करने से ये फायदे मिलते हैं।

Jaya Ekadashi Vrat 2025: एकादशी तिथि भगवान विष्णु को अतिप्रिय होती है। इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है। हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत अधिक महत्व होता है। हर माह में दो बार एकादशी पड़ती हैं। माघ माह में पड़ने वाली एकादशी को जया एकादशी के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

इस दिन है जया एकादशी
8 फरवरी 2025 को जया एकादशी का व्रत किया जाएगा. 7 फरवरी की रात 9:27 से एकादशी तिथि शुरू हो जाएगी जो 8 फरवरी की रात 8:15 तक रहेगी. उदया तिथि 8 फरवरी होने से यह व्रत 8 फरवरी को ही किया जाएगा. व्रत के दौरान चावल या चावल से बनी कोई भी खाद्य वस्तु ग्रहण करना पूर्ण रूप से वर्जित होता है. साथ ही विष्णु भगवान के स्त्रोत, मंत्र आदि का पाठ और जाप करने से सभी समस्याओं का समाधान हो जाता है.

जया एकादशी व्रत पूजा-विधि:

सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। फिर घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें। भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें।भगवान की आरती करें। आरती के बाद भगवान को भोग लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।

भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं। इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें। इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें। अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।

ज्योतिषी कहते हैं कि पद्म पुराण और भविष्य पुराण में वर्णन आया है कि माघ मास की एकादशी का इतना महत्व है कि इस दिन व्रत करने मात्र से ही ब्रह्महत्या नष्ट हो जाती है और अग्निष्टोम यज्ञ का भी फल प्राप्त होता है।

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