Ram Mandir: रामलला की विराजित मूर्ति पर बिगड़े दिग्विजय सिंह के बोल-‘राम लला की मूर्ति बाल स्वरूप नहीं’

Ram Mandir: दिग्विजय सिंह ने अयोध्या राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले एक बार फिर विवादित बयान दिया है। उन्होंने रामलला की मूर्ति पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि मंदिर में विराजमान रामलला की मूर्ति बाल स्वरूप की तरह नहीं लग रही है। मूर्ति बाल स्वरूप में होनी चाहिए और माता कौशल्या की गोद में होना चाहिए।

इमेज क्रेडिट-सोशल मीडिया प्लेटफार्म

अयोध्या में गुरुवार (18 जनवरी) को नए बने भव्य राम मंदिर में पूजा-संकल्प के बाद रामलला की नवनिर्मित प्रतिमा को गर्भगृह में स्थापित किया गया. इस बीच कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का बड़ा बयान सामने आया है.

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने राम मंदिर के गर्भगृह में स्थापित रामलला की मूर्ति को लेकर अपने अधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर ट्वीट कर कहा,

मैं तो शुरू से यही कह रहा हूं कि जिस राम लला की मूर्ति रखे जाने पर विवाद हुआ विध्वंस हुआ वह कहां है? दूसरी मूर्ति की क्या आवश्यकता थी? हमारे गुरु स्व द्वारिका व जोशीमठ में शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज ने यह भी सुझाव दिया था कि राम जन्म भूमि मंदिर में भगवान राम की मूर्ति बाल स्वरूप में और मां कौशल्या की गोद में होनी चाहिए, लेकिन जिस मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है वह बाल स्वरूप में नजर नहीं आ रही है.’

राम मंदिर स्थल को लेकर कह दी बड़ी बात?
बता दें कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने पहले भी कहा था, ‘जिस राम लला की मूर्ति पर सारा झगड़ा हुआ, वो मूर्ति कहां है? वो मूर्ति स्थापित क्यों नहीं हुई? नई मूर्ति की आवश्यकता क्यों पड़ी?’ इसके साथ ही दिग्विजय सिंह मंदिर बनने की जगह को लेकर भी सावल उठा चुके हैं. पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने कहा था, ‘राम मंदिर और बाबरी मस्जिद की जगह को लेकर सालों तक विवाद चलता रहा है. विवाद का मूल यह था कि मंदिर वहीं बनाया जाना चाहिए जहां भगवान राम का जन्म हुआ था और जहां मस्जिद थी. जब उच्चतम न्यायालय ने फैसला दे दिया है कि विवादित जमीन पर मंदिर बनाया जा सकता है तो वहां क्यों नहीं बनाया गया.’

मंदिर के गर्भगृह में रखी गई मूर्ति

बता दें कि 22 जनवरी को अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले, भगवान राम की मूर्ति को गुरुवार को अयोध्या में मंदिर के गर्भगृह के अंदर रखा गया था।

पाँच साल के बाल रूप मे राम लला की मूर्ति

कपड़े से ढकी हुई मूर्ति की पहली तस्वीर गुरुवार को गर्भगृह में स्थापना समारोह के दौरान सामने आई थी। ‘राम लला’ की मूर्ति की नक्काशी कर्नाटक के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज ने की थी। मूर्ति 51 इंच लंबी है और इसका वजन 1.5 टन है। मूर्ति में भगवान राम को पांच साल के बच्चे के रूप में चित्रित किया गया है जो उसी पत्थर से बने कमल पर खड़ा है।

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