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यूक्रेन में फंसे सात भारतीयों के साथ गन्दा खेल, भारत सरकार से मदद की अपील?
Russia-Ukraine Update: यूक्रेन की जंग में रुस द्वारा कुछ भारतीयों को फ़साने का मामला आया है। हरियाणा और पंजाब से गए भारतीयों ने आरोप लगाया है कि उन्हें रूस की पुलिस ने जबरन युद्ध में फंसा दिया है और भारत सरकार यहां से निकलने में मदद करे। इससे पहले नेपाली सैनिकों ने भी अपने साथ अमानवीय व्यवहार का आरोप लगाया था।
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नेपाल के बाद अब यूक्रेन की जंग में फंसे भारतीय नागरिकों ने अपनी खौफनाक कहानी बयान करना तेज कर दिया है और भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है। ताजा मामले में 7 से ज्यादा भारतीयों के दल ने दो वीडियो जारी किया है और बताया किस तरह से उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है और जंग के मैदान में जबरन भेजा जा रहा है। इन भारतीयों की पहचान गगनदीप सिंह, लवप्रीत सिंह, नरैन सिंह, गुरप्रीत सिंह, गुरप्रीत सिंह, हर्ष कुमार और अभिषेक कुमार के रूप में हुई है। इनमें से 5 भारतीय पंजाब और दो अन्य हरियाणा के हैं। इन लोगों ने बताया कि वे टूरिस्ट वीजा पर रूस गए थे और रूसी पुलिस ने 10 साल जेल भेजने की धमकी देकर उन्हें ‘हेल्पर‘ के रूप में यूक्रेन की जंग में भेज दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि ये युवक पिछले साल दिसंबर में नया साल मनाने के लिए रूस गये थे। उनके पास रूस के लिए वीजा था। वीडा 90 दिन के लिए मान्य था। लेकिन ये लोग रूस की जगह बेलारूस पहुंच गये। रूस के जगह उनको एक दलाल बेलारूस ले गया। युवकों को यह पता नहीं था कि वहां के लिए वीजा की जरूरत होगी। बेलारूस लेजाकर दलाल गायब हो गया और युवकों को पुलिस ने पकड़ लिया। पकड़े जाने के बाद स्थानीय प्रशासन ने उनसे कई कागजों पर दस्तखत दराये और उनके सैन्य ट्रेनिंग के कहा गया और युद्ध के लिए दवाब बनाया।
वायरल वीडियो के जरिए मदद की अपील
युवकों ने दावा किया है कि उन्हें धोखे से रूसी सैन्य सेवा में धकेल कर यूक्रेन युद्ध के मोर्चे पर भेज दिया गया। एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर जारी 105 सेकंड के वीडियो में सात लोग हुड या स्कल कैप के साथ सैन्य शैली की शीतकालीन जैकेट पहने हुए दिखाई दे रहे हैं। वे एक गंदे कमरे के अंदर खड़े हैं जिसके एक छोर पर एक बंद खिड़की है। उनमें से छह एक कोने में छिपे हुए हैं जबकि सातवां, हरियाणा के करनाल का 19 वर्षीय हर्ष, एक वीडियो संदेश रिकॉर्ड करता है जिसमें वह अपनी स्थिति बताता है और मदद मांगता है।
इस वीडियो में एक व्यक्ति ने कहा, “रूसी सेना हमसे कहती है कि हम एक साल बाद ही यहां से निकल सकते हैं. वे हमसे युद्ध जीतने में मदद करने के लिए कह रहे हैं, हम नहीं जानते कि उनकी मदद कैसे करें. अगर ऐसा नहीं करेंगे तो हम ज़िंदा नहीं बचेंगे. ”
रूसी सेना में फंसे लगभग 100 भारतीय
वहीं एक अन्य भारतीय ने कहा कि हमने अपने दर्द को पहले भी बताया था। रूस हो या यूक्रेन यहां पर कई भारतीय हैं जो फंसे हुए हैं। हम भारतीय दूतावास और भारत सरकार से अनुरोध करते हैं कि वे हमारी मदद करें। यह हमारा अंतिम वीडियो हो सकता है। रूसी सेना हमें यूक्रेन में युद्ध क्षेत्र में भेजने जा रही है। इससे पहले भी कई भारतीयों ने भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई थी। द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक करीब 100 भारतीयों को पिछले एक साल में रूसी सेना में शामिल किया गया है। आपको बता दें कि 29 फ़रवरी को, भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस ख़बर की पहली बार पुष्टि की और स्पष्ट रूप से कहा कि “लगभग 20” भारतीय मदद के लिए मॉस्को में भारतीय दूतावास पहुंचे और भारत वापस आने के लिए मदद मांगी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए भारत रूस के संपर्क में है.