डिनर में ज्यादा खाना हो सकता है हानिकारक, एक्सपर्ट से जाने फायदा और नुकसान?

Healthy Food Tips: अगर आप वजन घटाने या सेहतमंद रहने की कोशिश कर रहे हैं, तो आपने सुना होगा कि रात का खाना दिन का सबसे हल्का भोजन होना चाहिए। हालांकि, अधिकतर लोग रात 9 बजे या उससे भी देर से खाना खाते हैं। देर रात में भूख की समस्या आम है लेकिन क्या सच में रात को कम खाना फायदेमंद है?

Light Dinner at Night: विज्ञान भी इस बात की पुष्टि करता है कि सुबह और दोपहर में अधिक खाना और रात में हल्का भोजन करना सेहत के लिए बेहतर होता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि शरीर में दो ऐसे हार्मोन होते हैं जो आपकी भूख को बढ़ाते या नियंत्रित करते हैं। भूख और वजन बढ़ने के पीछे दो अहम हार्मोन होते हैं: लेप्टिन (स्टार्वेशन हार्मोन) और घ्रेलिन (हंगर हार्मोन)। लेप्टिन शरीर की वसा कोशिकाओं द्वारा उत्पादित होता है और मस्तिष्क को संकेत देता है कि शरीर को भोजन की जरूरत नहीं है। वहीं, घ्रेलिन भूख को बढ़ाने वाला हार्मोन है, जो पेट में बनता है और मस्तिष्क को ज्यादा खाने का संदेश भेजता है।

शाम को अनहेल्दी स्नैक्स खाने से बचे

खाने से पहले घ्रेलिन का स्तर बढ़ जाता है और खाने के बाद कम हो जाता है, जिससे हर चार घंटे में भूख लगना स्वाभाविक है। सुबह के समय घ्रेलिन का स्तर सबसे अधिक होता है, क्योंकि पूरी रात बिना कुछ खाए शरीर उपवास की स्थिति में रहता है। अगर आपको सुबह भूख नहीं लगती, तो दोपहर का भोजन पोषण से भरपूर होना चाहिए। इसमें साबुत अनाज, फलियां, स्टार्च वाली सब्जियां, लीन प्रोटीन और हरी सब्जियां शामिल करनी चाहिए, ताकि शाम को अनहेल्दी स्नैक्स खाने से बचा जा सके।

रात में हल्का और पौष्टिक भोजन बेहद जरूरी

उत्तर प्रदेश के हरदोई में शतायु आयुर्वेदा एवं पंचकर्म केंद्र चलाने वाले डॉक्टर अमित कुमार हेल्दी डाइट की सलाह देते हैं। वे कहते हैं, “रात में हल्का और पौष्टिक भोजन करना बेहद जरूरी है। वजन घटाने के लिए सबसे अच्छा तरीका यह है कि रात के खाने में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाई जाए। चिकन, मछली जैसे लीन प्रोटीन और फाइबर से भरपूर सब्जियां खाने से भूख नियंत्रित रहती है और इंसुलिन लेवल स्थिर रहता है।

उन्होंने कहा, “अगर आप देर रात खाने की आदत से बचना चाहते हैं, तो अपने खाने का समय सर्कैडियन लय (शरीर की आंतरिक घड़ी है जो 24 घंटे के चक्र में होने वाले शारीरिक, मानसिक, और व्यवहारिक बदलावों को नियंत्रित करती है) के अनुसार तय करें। हमारा शरीर प्राकृतिक जैविक घड़ी के अनुसार काम करता है, इसलिए सूर्यास्त के बाद खाने को सीमित करना बेहतर होता है। कोशिश करें कि रात के खाने और अगले दिन के नाश्ते के बीच कम से कम 12 घंटे का अंतर हो।

इसके अलावा, अच्छी नींद लेना भी बेहद जरूरी है, क्योंकि खराब नींद से लेप्टिन और इंसुलिन का संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे वजन बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है।” हेल्थ एक्सपर्ट्स की राय है कि रात में हल्का और सही भोजन करने से न सिर्फ वजन नियंत्रण में मदद मिलती है, बल्कि यह हृदय रोग , मधुमेह और अन्य बीमारियों के जोखिम को भी कम करता है। इसलिए अगली बार जब रात में भूख लगे, तो सेहतमंद विकल्प चुनें और अपने शरीर की जैविक घड़ी के अनुसार खानपान करें।

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