ED के शिकंजे में फंसी तमन्ना भाटिया, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में Actress से पूछताछ

Tamannaah Bhatia: Bollywood की टॉप एक्ट्रेस में शुमार तमन्ना भाटिया का नाम मनी लॉन्ड्रिंग के हाई-प्रोफाइल मामले में जुड़ गया है। एचपीजेड टोकन मोबाइल ऐप (HPZ Token App) से जुड़े इस मामले में ईडी (ED) ने गुरुवार को उनसे गुवाहाटी स्थित दफ्तर में पूछताछ की। हालांकि, तमन्ना से आरोपी के तौर पर नहीं बल्कि ऐप को प्रमोट करने के सिलसिले में पूछताछ की गई है।

आपको बता दें कि कुछ महीने पहले ही महाराष्ट्र साइबर सेल ने महादेव बैटिंग ऐप और ऑनलाइन गेमिंग को लेकर उन्हें तलब किया था। बता दें कि इस मामले मेंअब तक कई एक्टर, कॉमीडियन और सिंगर फंस चुके हैं।

क्या है पूरा मामला?
अवैध स्ट्रीमिंग की जांच का यह मामला सितंबर 2023 का है, तब वायकॉम ने ‘फेयरप्ले’ ऐप पर उनकी Intellectual Property Rights (IPR) के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज की थी। वायकॉम नेटवर्क ने ऊंची बोली लगाकर आईपीएल के ब्रॉडकास्टिंग राइट्स खरीदे हैं, लेकिन ‘फेयरप्ले’ ऐप पर अवैध रूप से इसका प्रसारण चल रहा था, जिससे वायकॉम नेटवर्क को कथित तौर पर 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ। एफआईआर के बाद तमन्ना भाटिया, बादशाह और जैकलीन फर्नांडीज समेत एंटरटेनमेंट जगत की कई प्रमुख हस्तियों से पूछताछ की गई थी।

PMLA के तहत तमन्ना भाटिया का बयान दर्ज
ED ने बताया कि मनी लॉन्ड्रिंग रोकने के लिए बने कानून PMLA के तहत ED के क्षेत्रीय कार्यालय में अभिनेत्री तमन्ना भाटिया का बयान दर्ज किया गया। तमन्ना को एप कंपनी के कार्यक्रम में सेलिब्रिटी के रूप में कुछ धनराशि मिली थी। उनके खिलाफ कोई अपराधजनक आरोप नहीं था। इस केस में बिटकाइन (Bitcoin) और कुछ अन्य क्रिप्टोकरेंसी (Crypto currency) के जरिये भारी रिटर्न का वादा करके कई निवेशकों को कथित तौर पर ठगा गया था। आरोपितों ने निवेशकों को धोखा देने के लिए ‘एचपीजेड टोकन’ मोबाइल फोन एप का इस्तेमाल किया था।

मामले में 299 कंपनियों पर है आरोप
इस मामले में मार्च में ईडी द्वारा दायर आरोपपत्र में कुल 299 कंपनियों को आरोपित बनाया गया है, जिनमें 76 चीनी नियंत्रित कंपनियां शामिल हैं, जिनमें 10 निदेशक चीनी मूल के हैं जबकि दो संस्थाएं अन्य विदेशी नागरिकों द्वारा नियंत्रित हैं। कोहिमा पुलिस की साइबर अपराध यूनिट की प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला दर्ज किया गया।

पुलिस की प्राथमिकी में विभिन्न आरोपितों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपितों पर बिटकाइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी के जरिये भारी रिटर्न का वादा करके निवेशकों को ठगने का आरोप है।

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