ED RAID: दिल्ली में ED का बड़ा एक्शन, केजरीवाल के निजी सचिव और सांसद एनडी गुप्ता के आवास पर छापा
ED Raids in Delhi: दिल्ली जल बोर्ड में भ्रष्टाचार मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने आम आदमी पार्टी के नेताओं के 10 ठिकानों पर छापेमारी की है। मुख्यमंत्री केजरीवाल के निजी सचिव बिभव कुमार औस राज्यसभा सांसद एनडी गुप्ता के आवास पर छापा मारा है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव और सांसद एनडी गुप्ता के घर पर ED की रेड चल रही है. कुल मिलाकर दिल्ली में आम आदमी पार्टी से जुड़े 10 ठिकानों पर ईडी की रेड जारी है.
मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने आम आदमी पार्टी के बड़े नेताओं के यहां छापा मारा है। ईडी की टीम ने 10 से ज्यादा ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन शुरू किया है। केजरीवाल के निजी सचिव बिभव कुमार के यहां छापेमारी हुई है। शलभ कुमार जो जल बोर्ड के पूर्व मेंबर रहे हैं। उनके यहां भी छापा मारा है। यह छापेमारी दिल्ली जल बोर्ड में भ्रष्टाचार मामले में हुई है।
#WATCH | ED raid underway at the residence of Delhi CM Arvind Kejriwal’s personal secretary Bibhav Kumar in Delhi.
— ANI (@ANI) February 6, 2024
As per sources, ED is conducting searches at nearly 10 locations including the residence of Delhi CM Arvind Kejriwal’s personal secretary among others connected to… pic.twitter.com/T3rMchov5G
केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ीं:
बता दें कि इन दिनों दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं. मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में उनके कई नेता सलाखों के पीछे जा चुके हैं. केजरीवाल पर खुद ईडी की तलवार लटक रही है. ईडी के यहां से केजरीवाल को पांच समन भेजे जा चुके हैं. चार समन पर वो ईडी के सामने पेश नहीं हुए.
ईडी ने पिछले चार महीनों में केजरीवाल को 4 समन भेजे थे लेकिन वह अभी तक एक बार भी पेश नहीं हुए हैं. पांच समन भेजे जाने के बावजूद पूछताछ के लिए नहीं आने पर ईडी ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. एजेंसी ने कोर्ट में दर्ज अपनी शिकायत में कहा है कि केजरीवाल ईडी के समन का पालन नहीं कर रहे हैं. इस मामले की सुनवाई 7 फरवरी को होगी.
जल बोर्ड में भाजपा ने लगाया था घोटाले का आरोप:
बीते साल 18 नवंबर 2023 को केन्द्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने संवाददाता सम्मेलन में दिल्ली जल बोर्ड में 3,237 करोड़ रुपये के घोटाले का दावा किया था। उन्होंने जल बोर्ड के बैंक खातों की स्टेटमेंट व वित्तीय रिपोर्ट का जिक्र भी किया था और कहा था कि वर्ष 2018-19 से 2022-23 के बीच बोर्ड के वित्तीय खर्च के बारे में कई जानकारियां छिपाई गईं हैं। वर्ष 2017-18 के बाद से बोर्ड के खातों की डिटेल डिक्लरेशन भी सही ढंग से नहीं की गई। बोर्ड में इसी तरह के कई वित्तीय अनियमितताएं सामने आईं हैं।