इस दिन है वैकुंठ एकादशी, जानिए शुभ मुहूर्त; पूजन विधि व मंत्र

Vaikuntha Ekadashi

नई दिल्ली। हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, एकादशी तिथि हर माह में दो बार पड़ती है। ऐसे में साल में कुल 24 एकादशी तिथियां आती हैं।

एकादशी व्रत को पुरुष और महिलाएं दोनों ही रख सकते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान के साथ पूजा करने से कष्टों से मुक्ति मिलती है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

जनवरी महीने की पहली एकादशी कब है?

पौष महीने में पड़ने वाली एकादशी को पौष पुत्रदा एकादशी कहा जाता है। इसे वैकुंठ एकादशी के नाम से भी जानते हैं। जनवरी मास की पहली एकादशी 13 जनवरी 2022 को पड़ेगी।

एकादशी तिथि 12 जनवरी की शाम 04 बजकर 49 मिनट से शुरू होगी, जो कि 13 जनवरी की शाम 07 बजकर 49 मिनट तक रहेगी।

इस तरह करें पूजा-

सबसे पहले स्नानादि से निवृत्त होकर मंदिर की सफाई करें।

इसके बाद पूरे घर में गंगाजल छिड़कें।

अब भगवान को गंगागल से स्नान कराएं।

भगवान को रोली, चंदन, अक्षत आदि अर्पित करें।

फूलों से श्रृंगार करने के बाद भगवान को भोग लगाएं।

पौष पुत्रदा एकादशी के दिन सबसे पहले भगवान गणेश की आरती करें।

इसके बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती उतारें।

भगवान विष्णु के मंत्र –

1-ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय

2-श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।

3- नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।

4- ऊँ हूं विष्णवे नम:

5- ऊँ विष्णवे नम:

6- ऊँ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।

7- ऊँ अं वासुदेवाय नम:

8- ऊँ आं संकर्षणाय नम:

9- ऊँ अं प्रद्युम्नाय नम:

10- ऊँ अ: अनिरुद्धाय नम:

11- ऊँ नारायणाय नम:

12- लक्ष्मी विनायक मंत्र –

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