देश का सबसे बड़ा घोटाला है ‘इलेक्टोरल बॉन्ड’, BJP पर लगा भ्रष्टाचार का आरोप

सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद SBI ने इलेक्टोरल बॉन्ड के आंकड़े 12 मार्च को चुनाव आयोग को सौंप दिए. इसके बाद आयोग ने उन आंकड़ों को सार्वजनिक कर दिया है. आंकड़ों के प्रकाश में आने के बाद कांग्रेस ने BJP पर इलेक्टोरल बॉन्ड में चार तरीकों से भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है.

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Electoral Bond News:इलेक्टोरल बॉन्ड्स‘ और चुनावी चंदे को लेकर देशभर में सियासत अपने पूरे उफान पर हैं। कांग्रेस ,और भाजपा इस मुद्दे पर आमने-सामने आ गई हैं। दोनों दल के नेता एक दूसरे पर गंभीर आरोप भी लगा रहे हैं। चूंकि इस सूची में भाजपा सबसे शीर्ष पर हैं लिहाजा कांग्रेस के नेताओं ने बीजेपी और केंद्र सरकार के खिलाफ चौतरफा हमला बोल दिया हैं।

आंकड़ों के प्रकाश में आने के बाद कांग्रेस ने BJP पर इलेक्टोरल बॉन्ड में चार तरीकों से भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा है कि ये आंकड़े ‘लाभ के बदले लाभ पहुंचाने’, ‘हफ्ता वसूली’, ‘रिश्वतखोरी‘ और ‘मुखौटा कंपनियों के माध्यम से धनशोधन’ जैसी BJP के भ्रष्ट तरकीबों को बेनकाब करते हैं.

जयराम रमेश ने की बॉण्ड आईडी नंबर की मांग

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने मांग की है कि बॉण्ड आईडी नंबर उपलब्ध कराए जाएं. ताकि चंदा देने वालों और लेने वालों की पहचान की जा सके. उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘1,300 से अधिक कंपनियों और व्यक्तियों ने चुनावी बॉन्ड के रूप में चंदा दिया है. इसमें 2019 के बाद से भाजपा को मिला 6,000 करोड़ से अधिक का चंदा शामिल है.’ साथ ही उन्होंने दावा किया है कि कंपनियों से जुड़े ऐसे कई मामले हैं, जब उन्होंने चुनावी बॉन्ड के रूप में चंदा दिया है, तो इसके तुरंत बाद उन्हें सरकार से भारी लाभ मिला है.

पहली किश्त में BJP को मिली 95 प्रतिशत धनराशि

उन्होंने कहा, “चुनावी बॉन्ड की पहली किश्त में, भाजपा को 95 प्रतिशत धनराशि मिली. भाजपा किसे बचाने की कोशिश कर रही है? जैसे-जैसे चुनावी बॉन्ड के आंकड़ों का विश्लेषण जारी रहेगा, भाजपा के भ्रष्टाचार के ऐसे कई मामले स्पष्ट होते जाएंगे. हम बॉण्ड आईडी नंबर की भी मांग करते रहेंगे, ताकि हम चंदा देने वालों और लेने वालों का सटीक मिलान कर सकें.”

भाजपा की हफ्ता वसूली रणनीति: टीएस सिंहदेव

चुनावी चंदा जुटाने के आरोपों के साथ छत्तीसगढ़ के पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने भी केंद्र की सरकार पर हमलावर होते हुए भाजपा पर माफिया की तरह काम करने का गंभीर आरोप लगाया हैं। उन्होंने दावा किया हैं कि डरा-धमकाकर चंदे वसूले जाते हैं।

अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट अपर टीएस सिंहदेव ने लिखा “इलेक्टोरल बॉन्ड के डाटा से यह साफ हो गया है कि भाजपा एक माफिया की तरह काम करती है। अमीर कम्पनियों को ED, IT द्वारा डराया जाता है और फिर उनसे चंदे के नाम पर हजारों करोड़ वसूले जाते हैं। जो कम्पनियां भाजपा को चंदा दे देती हैं, उनके खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं होती।”

देश का सबसे बड़ा घोटाला है इलेक्टोरल बॉन्ड

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कानूनविद कपिल सिब्बल ने इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को देश का सबसे बड़ा घोटाला करार दिया है। उन्होंने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए राजनीतिक दलों को मिले चंदे की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि क्या इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए कंपनियों ने रानजीतिक दलों को अपने हित में साधा है, इस सवाल का जवाब मिलना चाहिए। सिब्बल ने कहा कि जो आंकड़े सामने आए हैं, उनसे पता चलता है कि घाटे वाली कंपनियों ने भी चुनावी चंदा दिया है। इसलिए इस बात की जांच होनी ही चाहिए

गौरतलब हैं कि सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी के बाद एसबीआई ने दो अलग अलग दस्तावेज के तौर पर इलेक्टोरल बॉन्ड्स की जानकारी कोर्ट को सौंप दी थी। इस पूरे मामले को लेकर भाजपा-कांग्रेस समेत सियासी दलों के भीतर जमकर सियासत मची हुई हैं। कांग्रेस लगातार केंद्र की मोदी सरकार समेत पूरे भाजपा पर हमलावर हैं। हालाँकि चुनावी चन्दा लेने वालो में कांग्रेस भी पीछे नहीं हैं। क्षेत्रीय पार्टियों में सबसे ज्यादा बॉन्ड को कैश कराने में पश्चिम बंगाल की पार्टी टीएमसी आगे हैं। उन्होंने इस मामले में कांग्रेस को भी पछाड़ दिया हैं। सामने चुनाव होने की वजह से कांग्रेस इस पूरे मुद्दे को भुनाने में जुटी हुई हैं।

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