Pariksha Pe Charcha 2025: दीपिका पादुकोण ने की मेंटल हेल्थ पर बात, स्ट्रेस से निपटने के दिए टिप्स

Pariksha Pe Charcha 2025: परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण ने छात्रों को परीक्षा के तनाव से निपटने के टिप्स दिए हैं. दीपिका ने छात्रों से न केवल कड़ी मेहनत करने बल्कि पर्याप्त आराम करने की भी सलाह दी है।

Deepika Padukone on Pariksha Pe Charcha 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम ‘परीक्षा पे चर्चा‘ के आठवें संस्करण में अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ने भाग लिया, जहां वो अपने व्यक्तिगत अनुभवों को छात्रों संग शेयर करती नजर आईं। इसके साथ ही उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य और परीक्षा के दौरान तनाव को कैसे मैनेज करें इस पर भी बात की। चर्चा के दौरान दीपिका ने अपने बचपन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उनका खेल और गतिविधियों के प्रति झुकाव था।

मैं बचपन में बहुत शरारती थी-दीपिका

उन्होंने कहा, “मैं बचपन में बहुत शरारती थी। आज भी मेरे माता-पिता कहते हैं कि आप दीपिका को कभी भी जमीन पर नहीं पाएंगे। मैं हमेशा सोफे, टेबल और कुर्सियों पर कूदती रहती थी। मुझे एक्स्ट्रा-करिकुलर (पाठ्येतर) गतिविधियों में अधिक रुचि थी।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए दीपिका ने ‘परीक्षा पे चर्चा’ के माध्यम से छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए धन्यवाद दिया।

एक्टिविटी में करनी होंगी ये पांच चीजें-

  • 5 ऐसी चीजें बताएं जिन्हें आप अभी देख सकते हैं.  
  • 4 ऐसी चीजें बताएं जिन्हें आप अभी छू सकते हैं.
  • 3 ऐसी चीजें बताएं जिन्हें आप सुन सकते हैं.  
  • 2 ऐसी चीजें बताएं जिन्हें आप सूंघ सकते हैं.
  • 1 ऐसी चीज बताएं जिसका आप स्वाद ले सकते हैं.

दीपिका पादुकोण ने माता-पिता को अपने बच्चों की क्षमताओं को पहचानने और उनकी रुचियों को समझने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि पेशेंस बहुत जरूरी है. दीपिका ने मेंटल हेल्थ सही रखने के लिए भी सुझाव दिए, जिनमें अच्छी नींद लेना, हाइड्रेटेड रहना, नियमित व्यायाम और ध्यान करना शामिल है. नींद के बारे में उन्होंने कहा, “नींद एक ऐसी सुपरपावर है, जो हमें मुफ्त में मिलती है.

इसके अलावा, दीपिका ने बच्चों को एक एक्टिविटी में भी शामिल किया. उन्होंने बच्चों को एक कागज पर अपनी स्ट्रेंथ लिखने को कहा. उन्होंने कहा कि इससे आपको क्लैरिटी मिलती है कि हमारी ताकत क्या हैं और हमें किन चीजों पर मेहनत करने की जरूरत है

उन्होंने मौज-मस्ती, आराम के साथ प्रकृति और धूप के साथ की भी बात की। एक इंटरैक्टिव सीजन के हिस्से के रूप में उन्होंने एक गतिविधि आयोजित की जिसमें छात्रों ने कागज के टुकड़ों पर अपनी ताकत लिखी और उन्हें एक बोर्ड पर प्रदर्शित किया। उन्होंने कहा, ‘यह गतिविधि आपको यह एहसास कराती है कि यदि आप अपनी कमजोरियों के बजाय अपनी ताकत पर ध्यान केंद्रित करते हैं, तो आप देखेंगे कि आप कितनी चीजों में अच्छे हैं।”

–आईएएनएस एमटी/केआर

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