राजधानी में चल रहे फर्जी शिक्षा बोर्ड का भंडाफोड़… एक गिरफ्तार सरगना फरार

UP News: लखनऊ पुलिस ने फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गिरोह का एक सदस्य गिरफ्तार किया किया है। यह गिरोह विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की फर्जी मार्कशीट और प्रमाण पत्र बनाकर अनपढ़ लोगों को मोती रकम पर बेचते है। गिरोह के पास से कई राज्यों के फर्जी प्रमाण पत्र और अंकपत्र मिले। गिरोह का सरगना मनीष उर्फ मांगे फरार है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है।

मिली जानकारी के अनुसार राजधानी के पेपर मिल कालोनी में एक किराए के मकान में 3 महीने से शैक्षिक बोर्ड की जाली मार्कशीट छापी जा रही थी। महानगर पुलिस ने बुधवार रात छापेमारी कर राम प्रकाश वर्मा को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस का दावा है कि गिरोह के सदस्य पूर्व में फर्जी शैक्षिक बोर्ड भी चलाते थे।

कई प्रदेशों के कॉलेजों की मार्कशीट मिलीं
एसीपी महानगर नेहा त्रिपाठी ने बताया कि मौके से गुरुकुल विवि मथुरा, विदर्भ बोर्ड ऑफ आयुर्वेदिक यूनानी सिस्टम ऑफ मेडिसिन महाराष्ट्र, महाकौशल आयुर्वेदिक बोर्ड जबलपुर, राजकीय मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल रायपुर, केंद्रीय मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान उत्तर प्रदेश, बोर्ड ऑफ हायर सेकेंड्री एजुकेशन दिल्ली, राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड उत्तर प्रदेश, नेशनल नर्सिंग मिडवाइफरी काउंसलिंग, भारतीय वैदिक विद्या पीठ लखनऊ और अन्य बोर्ड के शैक्षिक प्रमाण पत्र व मार्कशीट बरामद हुई है। इसके अलावा एक लैपटॉप, एक पेपर कटिंग मशीन, दो मोबाइल और कंप्यूटर से संबंधित अन्य सामग्री भी बरामद हुई है।

सीधे डील नहीं करता था सरगना
इंस्पेक्टर महानगर के मुताबिक सरगना मनीष उर्फ मांगे 25 से 50 हजार रुपये में फर्जी मार्कशीट और अंकपत्र बनाता है। वह सीधे डील नहीं करता था। उसके गुर्गे ही पूरी डीलिंग करते थे। उन्हीं के जरिए रुपये का लेनदेन होता था। पुलिस के मुताबिक जो मार्कशीट और प्रमाण पत्र बरामद हुए हैं, उनकी बारीकी से जांच न की जाए तो यह बता पाना मुश्किल है कि असली है या फर्जी।

जालसाज़ी और सेक्स रैकेट में गिरफ्तार हो चूका है सरगना
इंस्पेक्टर अखिलेश कुमार मिश्र ने बताया कि मूल रूप से मथुरा निवासी मनीष के हुसैनगंज और हीवेट रोड पर दो मकान थे। सितंबर 2021 में चिनहट पुलिस ने जाली मार्कशीट के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इसके बाद अमीनाबाद पुलिस ने 11 फरवरी 2022 में गिरफ्तार कर जेल भेजा था। उस समय हीवेट रोड पर रहता था। मनीष ने पुलिस कंट्रोल रूम को गोली चलने की सूचना दी थी।

तफ्तीश में मनीष का उसके बेटे से विवाद प्रकाश में आया था। पुलिस ने घर की तलाशी ली तो तमाम जाली शैक्षिक दस्तावेज मिले थे। इस मामले में पुलिस ने गिरफ्तारी की थी। जांच में सामने आया था कि गिरोह में एक युवती भी शामिल है। युवती के जरिए वह सेक्स रैकेट संचालित करता था। अमीनाबाद पुलिस ने हीवेट रोड स्थित मकान समेत करोड़ों कीमत की मनीष की कई संपत्तियां कुर्क की थी।

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