Uttarakhand Forest Burning: उत्तराखंड के जंगलों में आग का तांडव, वायुसेना ने संभाला मोर्चा
उत्तराखंड के जंगलों में बेकाबू हो चुकी आग को बुझाने के लिए वन विभाग ने वायुसेना की मदद ली। नैनीताल के लड़ियाकांटा में लगी आग एयर फोर्स स्टेशन की तरफ बढ़ रही थी। जब वन विभाग व सेना के प्रयास के बाद भी जब स्थिति नहीं संभली तो वायु सेना ने मोर्चा संभालते हुए हेलीकाप्टर से झीलो से पानी भरकर जंगलों में डालने का काम करना शुरू कर दिया है।
नैनीताल के कुमाऊं के जंगलों में पिछले चार दिनों से पहाड़ सुलग रहे हैं। प्रमुख वन संरक्षक निशांत वर्मा के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में आरक्षित वनों में 29 और सिविल या वन पंचायतों में दो वनाग्नि की घटनाएं सामने आई हैं। इनमें कुल 33.34 हेक्टेयर जंगल प्रभावित हुए हैं। हालांकि, कहीं भी कोई मानव हानि सामने नहीं आई। गढ़वाल मंडल के टिहरी, पौड़ी, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और चमोली जिले के जंगल लगातार धधक रहे हैं।
आग को बुझाने के लिए वायुसेना के हेलीकॉप्टर की ली गई मदद
वन क्षेत्राधिकारी विजय मेलकानी ने बताया कि जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए वायुसेना के हेलीकॉप्टर की मदद ली गई है। मेलकनी ने बताया कि हेलीकॉप्टर ने अभी तक तीन बार झील से पानी भरकर जंगलों में लगी आग पर डालना शुरू कर दिया है। वन विभाग के कर्मचारी भी आग बुझाने में लगे हुए हैं। आग से भीमताल, पाइंस, रानीबाग, सातताल, बेतालघाट और रामगढ़ के जंगलों की वन संपदा को भारी नुकसान पहुंचा है।
#WATCH | Nainital: The Uttarakhand government is working to extinguish forest fires in Nainital with the help of the Army's MI 17 helicopters. https://t.co/AKbCmU9jMB pic.twitter.com/dL7EzGBcZC
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) April 27, 2024
असहाय वन विभाग काबू नहीं कर पा रहा जंगलों की आग
कंडीसौड़ (टिहरी) में फायर सीजन में जंगलों को आग से बचाने की तैयारी में जुटे वन विभाग की तैयारियां धरी की धरी रह गई है। एक ही समय कई जगहों पर आग लगने पर विभाग असहाय नजर आ रहा है। विभागीय कर्मचारियों को सूचना देने पर वह मैन पावर की कमी का रोना रो रहे हैं। जिससे जगह-जगह जंगल धधक रहे हैं। शुक्रवार को सुबह 10 बजे सुनारगांव के सिविल वन क्षेत्र में लगी आग पांच घंटे बाद काबू की गई। वन कर्मियों के वहां से आग बुझाकर लौटने के डेढ़ घंटे बाद ही कंडीसौड़ का जंगल धधकने लगा। स्थानीय लोगों ने वन विभाग को सूचना दी।
वन कर्मियों ने बताया कि वह मैंडखाल क्षेत्र के पदोगी, लवाणी, कस्तल और भंडार्की के जंगल में लगी आग बुझाने में व्यस्त हैं। इस कारण अपराह्न साढ़े चार बजे से शाम साढ़े सात बजे तक चीड़ का जंगल धधकता रहा। वन दरोगा प्रेमलाल डोभाल ने कहा कि वह मैंडखाल क्षेत्र में लगी आग काबू करते ही टीम को कंडीसौड़ क्षेत्र में भेजा जाएगा। उधर भिलंगना ब्लाक के पडागली में भी जंगल घंटों तक जलता रहा। जिससे वन संपदा को काफी नुकसान हुआ है।