भारतीय नौसेना के 8 पूर्व जवानों को कतर कोर्ट ने सुनाई मौत की सजा, हैरान करने वाला है फैसला-भारत

कतर में भारतीय नौसेना के पूर्व 8 जवानों को कोर्ट ने गुरुवार (26 अक्टूबर) को जासूसी के मामले में मौत की सजा सुनाई. इसको लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि मौत की सजा के फैसले से हम हैरान हैं और विस्तृत फैसले की कॉपी का हम इंतजार कर रहे हैं.

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूर्व भारतीय नैसैनिकों पर गुप्त क्षमताओं वाली कतर की एडवांस्ड पनडुब्बियों पर इजरायल के लिए जासूसी करने का आरोप लगाया गया. वहीं, एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने कहा कि इन आठ लोगों में से कुछ अत्यधिक सेंसटिव प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे, जिसमें इटैलियन टेक्नोलॉजी आधारित गुप्त विशेषताओं वाली छोटी पनडुब्बियां शामिल थीं.

विदेश मंत्रालय ने कहा, ”हम परिवार के सदस्यों और कानूनी टीम के संपर्क में हैं और सभी कानूनी विकल्प तलाश रहे हैं. इस मामले को बहुत महत्वपूर्ण मानते हैं और इस पर बारीकी से नजर रख रहे हैं. सभी कांसुलर और कानूनी सहायता देना जारी रखेंगे. फैसले को कतर के अधिकारियों के सामने भी उठाएंगे.”

मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया कि ये आठ लोग कतर में स्थित अल दहारा कंपनी (Al Dahra Company) में काम करते हैं. दरअसल, कतर (Qatar) में ये आठ भारतीयों पिछले साल अक्टूबर 2022 से कैद में हैं. 

विदेश मंत्रालय का बयान ?
विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस मामले में कार्यवाही की गोपनीय प्रकृति के कारण फिलहाल कोई और टिप्पणी करना उचित नहीं होगा। कतर में भारत के राजदूत ने राजनयिक पहुंच मिलने के बाद एक अक्टूबर को जेल में बंद इन भारतीयों से मुलाकात की थी.

आरोप क्या है पूर्व भारतीय सैनिको पर ?
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कतर ने नौसना के पूर्व जवानों पर आरोप लगाया है कि वो सबमरीन प्रोग्राम को लेकर जासूसी कर रहे थे. भारत इनको काउंसलर एक्सेस के जरिए रिहा कराने की कोशिश में लगा हुआ था.

सजा पाने वाले आठ पूर्व भारतीय नौसैनिक?

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, जिन आठ पूर्व भारतीय नौसैनिकों को कतर के कोर्ट ने सजा सुनाई है, उनमें कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर संजीव गुप्ता, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर अमित नागपाल और सेलर रागेश शामिल हैं.

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