लखनऊ में सस्ता फ्लैट लेने का सुनहरा मौका, नगर निगम ने जारी की जानकारी…ऐसे करें अप्लाई
Lucknow Property scheme: यूपी की राजधानी में नगर निगम एक प्रोजेक्ट पर तेजी से काम रहा है. इस योजना में सस्ते फ्लैट आधुनिक सुविधाओं के साथ उपलब्ध कराने की योजना है. आईये जानते है योजना में कैसे करें आवेदन…
लखनऊ नगर निगम का यह प्रोजेक्ट शहीद पथ के पास है. यहां से पीजीआई, एयरपोर्ट और चारबाग रेलवे स्टेशन ज्यादा दूर नहीं है. 2024 में नगर निगम ने सोसाइटी का नाम बदलकर आहना ग्रीन्स कर दिया था.
नगर निगम की ओर से बनाए गए आहना ग्रीन्स में फ्लैट खरीदने वालों की संख्या में अचानक बढ़ोतरी हो गयी है. अगर आप भी यहां पर फ्लैट खरीदना चाहते हैं तो आपके पास बेहतरीन मौका है, क्योंकि 648 फ्लैट में से 468 फ्लैट बिक चुके हैं और बाकी बचे 208 फ्लैट का रजिस्ट्रेशन चालू है. आवेदन के लिए आप नगर निगम की साइट पर विजिट कर सकते हैं. इसके अलावा नगर निगम के लालबाग और जोनल ऑफिस से आवेदन फॉर्म ले सकते हैं.
दरअसल, नगर निगम ने शहीद पथ के पास औरंगाबाद एरिया में 18 लाख से लेकर 71 लाख रुपये की कीमत के 648 फ्लैट बनाए थे. इस सोसाइटी का नाम रखा गया आहना एनक्लेव. यहां फ्लैटों की बिक्री 2021 से शुरू की गई थी, लेकिन शुरुआती दौर में सिर्फ 216 फ्लैट ही बिके थे. इसके बाद नगर निगम ने कई कोशिश की, बावजूद इसके फ्लैट बिक नहीं रहे थे. 2024 में नगर निगम ने सोसाइटी का नाम बदलकर आहना ग्रीन्स कर दिया.
क्या है अहाना ग्रीन्स में सुविधाएं हैं?
नगर निगम का यह प्रोजेक्ट शहीद पथ के पास है. यहां से पीजीआई, एयरपोर्ट और चारबाग रेलवे स्टेशन ज्यादा दूर नहीं है. यहां पर 800 गाड़ियों की पार्किंग की सुविधा है. इसके अलावा नगर निगम ने एसटीपी, कम्युनिटी सेंटर और बच्चों के लिए चिल्ड्रेन पार्क का भी निर्माण कराया है. मौजूदा समय में यहां पर 200 से अधिक परिवार रह रहा है और आसपास कई व्यवासियक प्रतिष्ठान है.
खरीददारों के आवेदन अचानक बढे…
सोसाइटी का नाम आहना ग्रीन्स होने के बाद ही यहां पर फ्लैट खरीददारों के आवेदन अचानक से बढ़ गए. नाम बदलने के बाद अब तक 260 फ्लैट बिक चुके हैं. अभी यहां पर एमआईजी-2 जी+6 के 45 फ्लैट (कीमत 31.50 लाख), एमआईजी-1 जी+6 के 4 फ्लैट (कीमत 39 लाख), एचआईजी जी+8 के 55 फ्लैट (कीमत 71 लाख) और एचआईजी, जी+3 के 4 फ्लैट (कीमत 71 लाख) बचे हुए हैं, जिनके आवेदन खोले गए हैं.
नाम बदलने के बाद फ्लैट की बिक्री में आई बढ़ोतरी से नगर निगम खुश है और उसे 160 करोड़ रुपये की आय हो चुकी है. अब नगर निगम की ओर से कोशिश है कि सभी फ्लैट को जल्दी से जल्दी बेचकर नए प्रोजेक्ट की शुरुआत की जाए. नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह का कहना है कि बचे हुए फ्लैट को बेचने के लिए एक डेडिकेटेड टीम बनाई गई है.