वैभव सूर्यवंशी कहीं विनोद कांबली ना बन जाएं…पूर्व भारतीय कोच की बड़ी चेतावनी?

Former cricketer comment on Vaibhav: आईपीएल में शानदार शतक लगाने वाले 14 साल के वैभव सूर्यवंशी भारतीय क्रिकेट का फ्यूचर माने जा रहे हैं. लेकिन एक पूर्व क्रिकेटर और कोच ने उनको लेकर कह दी बड़ी बात….

Former cricketer comment on Vaibhav: भारत के एक पू्र्व कोच और जाने माने क्रिकेटर ने विनोद कांबली और पृथ्वी शॉ का उदाहरण देते हुए वैभव सूर्यवंशी को सही से मैनेज करने के लिए बड़ी चेतावनी दे डाली.

युवा बल्लेबाज वैभव सूर्यवंशी ने सिर्फ 14 साल की उम्र में अपनी एक अलग पहचान बना ली है. वह हाल ही में आईपीएल में सबसे तेज शतक लगाने वाले भारतीय बल्लेबाज बन हैं. वैभव सूर्यवंशी का खेल देखने के बाद कई दिग्गज उन्हें भारतीय क्रिकेट का फ्यूचर बता रहे हैं. वहीं, फैंस का मानना है कि वैभव सूर्यवंशी जल्द ही टीम इंडिया के लिए खेलते हुए नजर आ सकते हैं. इन सब के बीच भारत के पूर्व कोच ने बड़ा बयान दिया है.

पूर्व भारतीय कोच की बड़ी चेतावनी

वैभव सूर्यवंशी ने हर किसी को अपनी बल्लेबाजी का दीवाना बना दिया है. इस खिलाड़ी ने पूर्व भारतीय कोच ग्रेग चैपल का ध्यान भी अपनी ओर खींचा है. हालांकि, ग्रेग चैपल ने बीसीसीआई को वैभव को लेकर चेतावनी भी दी है. उनका मानना है कि बीसीसीआई को वैभव को सही तरीके से संभालना होगा. चैपल का कहना है कि भारत ने इससे पहले सचिन तेंदुलकर, विनोद कांबली और पृथ्वी शॉ जैसे युवा क्रिकेटर्स को भी छोटी उम्र में बड़ा नाम कमाते हुए देखा है. लेकिन विनोद कांबली और पृथ्वी शॉ का करियर जल्द ही पटरी से भी उतर गया था.

ग्रेग चैपल ने ईएसपीएन क्रिकइन्फो के लिए अपने कॉलम में लिखा, ‘सचिन तेंदुलकर ने छोटी उम्र में सिर्फ प्रतिभा की वजह से ही सफलता नहीं पाई, बल्कि उन्हें एक मजबूत सपोर्ट सिस्टम मिला – एक शांत स्वभाव, एक समझदार कोच, एक परिवार जिसने उन्हें दुनियादारी चकाचौंध से बचाया. वही दूसरी तरफ, विनोद कांबली, जो उतने ही प्रतिभाशाली और शायद ज्यादा तेजतर्रार थे, उन्हें प्रसिद्धि और अनुशासन के बीच संतुलन बनाने में संघर्ष करना पड़ा. पृथ्वी शॉ एक और चमत्कारी खिलाड़ी हैं, लेकिन वो भी खुद को नहीं संभाल पाए और गिर गए हैं.

दुनिया की चमक दमक से दूर रहने की जरूरत

दरअसल, विनोद कांबली और पृथ्वी शॉ एक समय भारतीय क्रिकेट के फ्यूचर माने जाते थे, लेकिन कुछ ही समय में वह अपनी राह से भटक गए थे. ये दोनों ही खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का सही इस्तेमाल नहीं कर पाए. विनोदी कांबली के क्रिकेटर करियर की शुरुआत सचिन तेंदुलकर के साथ ही हुई थी. लेकिन कांबली मैदान के बाहर चीजों को संभालने में विफल रहे और शराब की लत ने उनका करियर बर्बाद कर दिया. पृथ्वी शॉ ने भी काफी कम उम्र में भारत के लिए तीनों फॉर्मेट में डेब्यू कर लिया था. लेकिन वर्तमान समय में वह सीनियर टीम की योजनाओं में कहीं नहीं हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह अनुशासनहीनता, फिटनेस की चिंता और उनके ऑफ-फील्ड विवाद हैं.

चैपल ने कहा कि प्रतिभा को सही मार्गदर्शन और सुरक्षा मिलनी चाहिए। उसे सिर्फ मार्केटिंग के लिए इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। हर पीढ़ी में, घरेलू क्रिकेट में कोई न कोई खिलाड़ी चमकता है। आजकल, आईपीएल में खिलाड़ियों को बड़ा मंच मिलता है। जहां वे अपनी प्रतिभा दिखाते हैं। वैभव ने भी आईपीएल में शानदार प्रदर्शन किया है। उन्होंने टूर्नामेंट के इतिहास में दूसरा सबसे तेज शतक बनाया है। इतनी कम उम्र में, उन्होंने रिकॉर्ड बना दिया है।

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