खौफ में UP के GST अफसर? छुट्टी के दिन भी दफ्तर, हर वक्त सस्पेंशन का डर…

GST Officer protest: यूपी के जिन अधिकारियों से टैक्स चोरों को खौफ खाना चाहिए, वह खुद ही इन दिनों खौफ के साये में नौकरी कर रहे हैं. हम बात GST विभाग की कर रहे हैं, जिसके एक सीनियर अधिकारी ने कुछ दिन पहले ही सुसाइड कर लिया.

नोएडा के डिप्टी कमिश्नर (जीएसटी) संजय सिंह के सुसाइड ने यूपी के जीएसटी अधिकारियों का दर्द सामने आया है. छुट्टी के दिन भी दफ्तर खोलने से लेकर हर वक्त सस्पेंशन की तलवार से परेशान GST अधिकारियों ने विभाग के वॉट्सऐप ग्रुप को छोड़कर अपना विरोध दर्ज कराया है.

एक निजी मीडिया से बात करते हुए जीएसटी के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, ‘जब से मौजूदा प्रमुख सचिव आए हैं, तब से पूरा विभाग खौफ के साये में है’. हर किसी पर टैक्स कलेक्शन बढ़ाने का दबाव है. यही वजह है कि कई अधिकारियों ने वीआरएस के लिए आवेदन कर दिया है.

प्रमुख सचिव से खौफ में अधिकारी

जीएसटी अधिकारियों में खौफ का माहौल विभाग के एम. देवराज (प्रमुख सचिव) की वजह से है. जब से एम. देवराज ने विभाग का जिम्मा संभाला, तब से उन्होंने जीएसटी अधिकारियों पर शिकंजा कसा हुआ है. जीएसटी आफीसर्स एसोसिएशन की माने तो विभाग में अतार्किक लक्ष्य निर्धारण, उनकी प्राप्ति के लिए अनुचित दबाव अधिकारी परेशान हैं.

सीएम से देवराज के निलंबन की मांग

इस बीच सुप्रीम कोर्ट के वकील अजय टंडन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी भेजकर प्रमुख सचिव एम देवराज के ऊपर कार्रवाई करने की मांग की है. अपनी चिट्ठी में अजय टंडन ने मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए एम. देवराज पर डिप्टी कमिश्नर संजय सिंह को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया और इस मामले की सीएम योगी से न्यायिक जांच कराने के साथ ही एम. देवराज को तुरंत ही सस्पेंड करने की मांग की है.

छुट्टी के दिन भी ऑफिस और मीटिंग

साथ ही छुट्टी के दिन में काम और मीटिंग लिया जाना, विभाग में मानवीय और भौतिक संसाधनों की कमी को पूरा न किया जाना, बिना अधिकारी का पक्ष जाने ही अनुशानात्मक कार्यवाही शुरू करना, एमनेस्टी स्कीम का अप्राप्य लक्ष्य निर्धारण करके अधिकारियों के निलंबन का प्रस्ताव मांगने से जीएसटी अधिकारियों में खौफ है. जीएसटी आफीसर्स एसोसिएशन ने तनावपूर्ण कार्य पर नाराजगी जाहिर की है.

वॉट्सऐप ग्रुप छोड़, काला फीता बांध काम किया

नाराज अधिकारियों के एसोसिएशन ने फैसला किया है कि अब कोई भी स्टेट टैक्स वॉट्सऐप ग्रुप का हिस्सा नहीं रहेगा और काला फीता बांधकर अपना काम करेगा. इसके साथ ही एमनेस्टी स्कीम से संबंधित आंकड़ों को गूगल शीट पर फीडिंग का कार्य नहीं किया जाएगा और यूपी के मुख्य सचिव से मिलकर अपनी समस्या बताई जाएगी.

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