हरिद्वार: श्रद्धा और आस्था का कुंभ वर्ष प्रारंभ, 11 मार्च को पहला शाही स्नान
हरिद्वार। कई महापर्वों से वर्षभर जीवंत रहने वाली धर्मनगरी हरिद्वार में माँ गंगा के प्रति श्रद्धा और विश्वास से भरा कुंभ वर्ष आज से शुरू हो रहा है। इस वर्ष देश-विदेश से अमृत गंगा में डुबकी लगाने श्रद्धालु हरिद्वार आएंगे।
वर्ष का मुख्य आकर्षण शताब्दी का दूसरा पूर्ण कुंभ होगा। कोरोना की वैक्सीन आने के बाद उम्मीद है कि विश्वभर के श्रद्धालु हरिद्वार आएंगे। ग्रहों की चाल के चलते यह कुंभ 12 के बजाय 11वें वर्ष में पड़ रहा है।
कुंभ मेलाकाल भी 48 दिन ही है। बृहस्पति और सूर्य के संयोग से बने कुंभ पर कुल चार शाही स्नान होंगे। इन स्नानों पर 13 अखाड़े लाखों की संख्या में जमात निकालकर स्नान करने के लिए हरकी पैड़ी आएंगे।
पहला शाही स्नान 11 मार्च शिवरात्रि, दूसरा शाही स्नान 12 अप्रैल सोमवती अमावस्या और तीसरा मुख्य शाही स्नान 14 अप्रैल मेष संक्रांति पर पड़ेगा। तीनों स्नानों पर सभी तेरह अखाड़े स्नान करते हैं।
जबकि चौथा शाही स्नान बैसाख पूर्णिमा के दिन 27 अप्रैल को भी पड़ेगा लेकिन उस स्नान पर केवल बैरागियों की तीन अणियां स्नान करेंगी। यह स्नान संन्यासी अखाड़े नहीं करते।
हरिद्वार कुंभ का आयोजन बृहस्पति के कुंभ राशि और सूर्य के मेष राशि में आने पर होता है। सूर्य प्रत्येक वर्ष 14 अप्रैल को मेष राशि में आते हैं।
जबकि बृहस्पति प्रत्येक बारह वर्ष बाद कुंभ राशि में आते हैं। इस बार 11वें वर्ष आगामी पांच अप्रैल को आ रहे हैं। कुंभ के मुख्य स्नान पर्व 14 अप्रैल को बना योग एक महीने तक बना रहेगा। यह नया साल उत्सवों से भरा होगा।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने सरकार के प्रयासों की सराहना की
पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने दक्षिण काली मंदिर में पूजा अर्चना कर देश को कोरोना मुक्त करने की कामना की। उमा भारती ने कहा कि संत महापुरुषों के तप और बल से कुंभ मेला सकुशल और भव्य रूप से संपन्न होगा।