Hariyali Teej: जाने हरियाली तीज के दिन की महत्ता, पूजन के शुभ-अशुभ मुहूर्त

Hariyali Teej: हरियाली तीज के दिन पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत बनाने और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना के लिए विशेष पूजा की जाती है। हरियाली तीज पर शिव योग बनने से इस दिन का महत्व और बढ़ रहा है। तीज का पर्व भगवान शंकर को समर्पित है।

Hariyali Teej Importance: वैदिक पंचांग के सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को तीज का पर्व आता है। भगवान शिव व माता पार्वती के पुनर्मिलन का प्रतीक हरियाली तीज 07 अगस्त 2024, बुधवार को है। इस दिन महिलाएं शिव-पार्वती की पूजा करती हैं और सुखद वैावाहिक जीवन के लिए कामना करती हैं। इस दिन हरे रंग का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन हरी चूड़ी व हरे रंग के वस्त्र धारण करने से जीवन में खुशहाली आती है।

हरियाली तीज पर भेंट करते हैं सिंधारा- इस दिन विवाहित कन्या को उसके माता-पिता द्वारा व उसके ससुराल पक्ष के लिए सिंधारा भेजा जाता है। सिंधारा में मिठाई, घेवर, मेहंदी, चूड़िया या वस्त्र आदि वस्तुएं भेंट की जाती हैं। हरियाली तीज के दिन सिंधारा भेंट करने की प्रथा होने के कारण इस तीज को सिंधारा तीज कहा जाता है।

हरियाली तीज पर शिव योग का समय- हरियाली तीज के दिन शिव योग सुबह 11 बजकर 42 मिनट पर प्रारंभ होगा।

हरियाली तीज पर बन रहे ये शुभ मुहूर्त-

ब्रह्म मुहूर्त- 04:20 ए एम से 05:03 ए एम

प्रातः सन्ध्या-04:41 ए एम से 05:45 ए एम

जानिए कैसे हरितालिका तीज की हुई शुरुआत
इसके अलावा दूसरी मान्यता यह है कि देवी पार्वती ने मन ही मन भगवान शिव को अपना पति मान लिया था और वह हमेशा भगवान शिव की तपस्या में लीन रहतीं थीं. यह देखकर पार्वती की सहेलियां उनका हरण करके उन्हें गहरे जंगलों में ले गईं. इसलिए हरे जंगल में ले जाने के कारण हरित का अर्थ है हरण करना और तालिका अर्थात सखी इसलिए इस व्रत को हरितालिका तीज कहा जाता है।

हरियाली तीज का पर्व भगवान शिव व माता पार्वती को समर्पित है। हरियाली तीज पर शिव योग बनने से इस दिन का महत्ता बढ़ गई है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शिव योग अत्यंत शुभ फलदायी है। इस योग में किए गए कार्य सफल होते हैं। मान्यता है कि इस योग में भोलेनाथ के मंत्र ऊं नम: शिवाय का जाप करने से जीवन में संपन्नता व तरक्की आती है।

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