India Vs Bangladesh Women ODI:नाराज हरमनप्रीत ने खोया आपा,स्टंप पर मारा बैट
इंडिया विमेंस टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने बांग्लादेश के खिलाफ LBW आउट होने के बाद स्टंप्स को बैट मार दिया। वह अंपायर के फैसले से निराश नजर आईं और पवेलियन लौटते हुए गुस्से में फील्ड अंपायर से कुछ कहते हुए भी दिखीं। ट्रॉफी फोटोशूट में उन्होंने ये तक कह दिया कि यहां खिलाड़ियों के साथ अंपायर्स को भी होना चाहिए।
मैच के बाद भी उन्होंने अपना गुस्सा जाहिर किया और कहा, ‘अंपायरिंग बहुत खराब रही, इंटरनेशनल लेवल पर इस तरह के फैसले बहुत निराशाजनक लगते हैं।’
हरमन 34वें ओवर में आउट हुईं और 226 रन के टारगेट का पीछा कर रही टीम इंडिया 225 रन ही बना सकी। तीसरा वनडे टाई हो गया और 3 वनडे की सीरीज 1-1 से बराबरी पर खत्म हुई।मैच के अंपायर मुहम्मद कमरुज्जमान और तनवीर अहमद थे। दोनों अंपायर बांग्लादेश के ही अंपायर हैं।
प्रेजेंटेशन सेरेमनी में कप्तान हरमनप्रीत ने कहा, ‘इस मैच से बहुत सी सीख मिली। जिस तरह अंपायरिंग हुई, पूरी टीम को इस पर आश्चर्य हुआ। अगली बार जब भी हम बांग्लादेश आएंगे तो ध्यान रखेंगे कि अंपायरिंग ऐसी ही होगी। हम अब क्रिकेट के साथ इन चीजों के लिए भी तैयार रहेंगे।’
बांग्लादेश ने 225 रन बनाए, ये टीम का भारत के खिलाफ सबसे बड़ा स्कोर रहा। इस पर कौर बोलीं, ‘उन्होंने अच्छी बैटिंग की और अहम मौकों पर सिंगल लेते रहे। कई मौकों पर हमने भी आसानी से रन बनाने दिए। हमने मैच पर कंट्रोल बना लिया था, लेकिन जैसा कि मैंने कहा बहुत खराब अंपायरिंग की गई, कुछ फैसलों ने हमें निराश किया।’
बांग्लादेशी टीम के साथ भारतीय टीम ने ट्रॉफी शेयर की। फोटोशूट के दौरान हरमन ने चिल्लाते हुए कहा, ‘अंपायर्स को भी खिलाड़ियों के साथ खड़ा करो।’ उनका इशारा इस ओर था कि अंपायर ने मैच टाई कराने में अहम योगदान दिया, इसीलिए उन्हें भी खिलाड़ियों के साथ खड़ा होना चाहिए।
बांग्लादेश महिला टीम की कप्तान निगर सुल्ताना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘ये पूरी तरह से उनकी (हरमन की) समस्या है, मैं इसमें कुछ नहीं कर सकती। खिलाड़ी के रूप में उनका व्यवहार ठीक नहीं, उन्हें अच्छा व्यवहार करना था। मुझे नहीं पता वहां क्या हुआ, लेकिन वो (फोटोशूट के दौरान अंपायर्स पर चिल्लाना) ठीक नहीं था। क्रिकेट डिसिप्लिन और सम्मान का खेल है, इसलिए हम फोटोशूट से जल्दी दूर हो गए।’
अंपायरिंग पर सुल्ताना बोलीं, ‘अगर वह (हरमन) आउट नहीं रहतीं तो अंपायर उन्हें नॉट आउट देते। मेंस इंटरनेशनल के अंपायर्स ने हमारे मैच में अंपायरिंग की, यानी वे अच्छे थे। उन्हें (हरमन को) टीम के 5 कैच और 2 रन आउट पर कुछ नहीं कहना। हमारे भी विकेट हुए लेकिन हमें कम्प्लैन नहीं है। अंपायर का फैसला आखिरी फैसला होता है, भले ही हमें वो पसंद हो या नहीं।’
प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत से उप कप्तान स्मृति मंधाना आईं। उन्होंने कहा, ‘हरमन ने जो किया वो हीट ऑफ द मोमेंट में हुआ। हाई इंटेंसिटी मैचों में इस तरह की चीजें हो जाती हैं, वो बस अपनी टीम को जीतते हुए देखना चाहती थीं, इसीलिए इमोशनल हो गईं।’
‘जब DRS उपलब्ध नहीं हो तो मैच में फील्ड अंपायर का फैसला अहम हो जाता है। ऐसे में अंपायर्स को कुछ फैसले संभल कर लेना चाहिए। हमारे बैटर्स के पैड्स पर लगते ही अंपायर सीधे उंगली खड़े कर रहे थे। मुझे यकीन है ICC, BCCI और BCB इस मुद्दे पर ध्यान देंगे और द्विपक्षीय सीरीज में ज्यादा न्यूट्रल अंपायर्स को अपॉइंट करेंगे। जिससे कि हम इन फैसलों पर चर्चा करने की बजाय क्रिकेट पर ज्यादा ध्यान दें।’
भारत और बांग्लादेश के बीच मीरपुर में वनडे सीरीज का आखिरी मैच खेला गया। बांग्लादेश ने 225 रन बनाए, जवाब में टीम इंडिया ने 33 ओवर तक 3 विकेट के नुकसान पर 160 रन बना लिए थे। हरमनप्रीत कौर 34वें ओवर में 14 रन बनाकर LBW आउट हो गईं, वह फैसले से निराश होकर कहने लगीं कि गेंद लेग स्टंप से बाहर जा रही थी। उनके विकेट के वक्त स्कोर 160 रन था।
हरमन के बाद हरलीन देओल ने पारी संभाली, लेकिन वह 191 के स्कोर पर आउट हो गईं। उनके साथ टीम ने 34 रन के अंदर ही अपने आखिरी 6 विकेट गंवा दिए, टीम का स्कोर 191 रन पर 4 विकेट से 225 रन पर 10 विकेट हो गया।
मैच में यस्तिका भाटिया और हरमनप्रीत कौर LBW डिसिजन से निराश नजर आईं। आखिरी विकेट के रूप में विकेट के पीछे कैच आउट हुईं मेघना सिंह भी अंपायर के फैसले से निराश नजर आईं। उन्होंने अंपायर से चर्चा भी की, लेकिन फैसला पलटा नहीं गया और मुकाबला टाई ही रहा।
बारिश के कारण मैच में देरी हुई थी और मैच का शेड्यूल टाइम पूरा हो जाने के कारण सुपर ओवर भी नहीं फेंका गया। तीसरा वनडे टाई होने से 3 मैचों की सीरीज 1-1 से ड्रॉ हो गई और भारत को बांग्लादेश के साथ ट्रॉफी शेयर करनी पड़ी। पहला वनडे बांग्लादेश और दूसरा भारत ने जीता था। टी-20 सीरीज 2-1 से भारत के नाम रही थी।