HBD: क्रिकेट के आकाश पर धूमकेतु के सामान हैं ‘विराट’ विराट कोहली

तेजस्वी यादव की कप्तानी में बदली थी विराट कोहली की किस्मत

नई दिल्ली। टीम इंडिया के धाकड़ कप्तान विराट कोहली का आज जन्मदिन है। 5 नवंबर, 1988 को जन्मे विराट कोहली आज आज 32 साल के हो गए हैं।

दुनिया के सर्वाधिक अच्छे क्रिकेटर्स में से एक विराट कोहली क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में ‘विराट’ है।विराट कोहली टेस्ट में 27 और वनडे में 43 शतक ठोक चुके हैं।

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मतलब इंटरनेशनल क्रिकेट में विराट कोहली ने 70 बार 100 के आंकड़े को पार किया है, जो कि अपने आप में ही अविश्वसनीय है।

विराट कोहली ने वनडे में 11,867 रन बनाए हैं, वहीं टेस्ट में उनके बल्ले से 7240 रन निकले हैं। टी20 में विराट कोहली 76 पारियों में 2794 रन बना चुके हैं।

विराट कोहली का तीनों ही फॉर्मेट में 50 से ज्यादा का औसत है। विराट कोहली जब भारत की अंडर 19 टीम के कप्तान थे, उस वक्त उनका नाम सुर्खियों में आया था।

विराट कोहली की अगुवाई में टीम इंडिया चैंपियन बनी थी। हालांकि ये बात बहुत कम लोगों को पता है कि विराट कोहली की किस्मत आरजेडी के नेता और लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव की कप्तानी में बदली थी।

जानिए कैसे हुआ था विराट कोहली का सेलेक्शन

टीम इंडिया के पूर्व सेलेक्टर और बल्लेबाज दिलीप वेंगसरकर ने विराट कोहली को पहली बार टीम इंडिया में मौका दिया था।

दिलीप वेंगसरकर विराट कोहली को अंडर 19 के पहले से ही जानते थे, उनकी नजर दिल्ली के इस खिलाड़ी पर थी।

दिलीप वेंगसरकर ने एक वेबसाइट को दिए खास इंटरव्यू में विराट कोहली के सेलेक्शन की कहानी बताई थी।

वेंगसरकर ने खुलासा किया था, ‘साल 2000 में बीसीसीआई ने एक टैलेंट ढूंढने वाली समिति बनाई थी, मैं उसका हेड था। मेरे साथ बृजेश पटेल भी थे।

मैं देशभर में अंडर-14, अंडर-16 और अंडर-19 के मैच देखता था। विराट कोहली को मैंने पहली बार अंडर-16 मैच में मुंबई के खिलाफ देखा था।

विराट कोहली, लालू यादव के बेटे तेजस्वी की कप्तानी में खेल रहे थे। विराट कोहली ने वहां जबर्दस्त बल्लेबाजी की।’

विराट कोहली पर दिलीप वेंगसरकर ने आगे कहा, ‘ इसके बाद ऑस्ट्रेलिया में इमर्जिंग ट्रॉफी होनी थी, जिसमें मैंने विराट कोहली को चुना था। मैंने विराट कोहली को वहां देखा, ग्रेग चैपल मेरे साथ बैठे थे।

कीवी टीम के खिलाफ विराट ने ओपनिंग की और उन्होंने लक्ष्य का पीछा करते हुए नाबाद 123 रन ठोके। शतक के बाद भी वो आउट नहीं हुए और उन्होंने मैच खत्म किया।

वहां मुझे लगा कि ये खिलाड़ी टीम इंडिया के लिए तैयार है। वो मानसिक तौर पर परिपक्व थे। इसलिए हमने उन्हें भारतीय टीम में खेलने का मौका दिया।’

वो दिन है और आज का दिन है। आज विराट कोहली मौजूदा दौर के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज माने जाते हैं।

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