बॉलीवुड एक्ट्रेस हुई Mental Disorder का शिकार, जानिए क्या है ये बीमारी…

Alia Bhatt: युवाओं में अटेंशन डिफीसिटएट हाइपरएक्टिव डिसऑर्डर की शिकायत तेजी से बढ़ रही है। बॉलीवुड एक्ट्रेस आलिया भट्ट भी ADHD की समस्या से जूझ रही हैं।

Alia Bhatt: यह लंबे समय से चल रही ऐसी स्थिति है जिसमें ध्यान केंद्रित करना मुश्किल होता है। साथ ही, इस स्थिति से ग्रस्त व्यक्ति बहुत ज़्यादा सक्रिय रहता है और बिना सोचे-समझे आवेग में काम करता है। एडीएचडी अक्सर बचपन में ही शुरू हो जाता है और वयस्क होने के बाद भी बना रह सकता है। इससे आत्मविश्वास में कमी होती है। रिश्ते बनाने और निभाने में परेशानी होती है। साथ ही, स्कूल या ऑफ़िस में भी दिक्कतें होती हैं। Alia Bhatt ने भी खुलासा किया कि उन्हें एंजाइटी और एडीएचडी (अटेंशन डिफिसिट हाइपरएक्टिव डिसऑर्डर) है, यानी उन्हें चीजों पर ध्यान लगाने में दिक्कत होती है और उनका दिमाग बार-बार भटक जाता है।

क्या है ADHD के लक्षण: (अटेंशन डिफीसिटएट हाइपरएक्टिव डिसऑर्ड)

  • ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई
  • बेचैनी महसूस होना
  • स्थिर बैठने में मुश्किल होना
  • नतीजे के बारे में पहले सोचे बिना चीज़ें कहना या करना
  • बिना सोचे-समझे काम करना
  • निर्देशों का पालन नहीं करना
  • कार्यों और गतिविधियों को व्यवस्थित करने में कठिनाई
  • बाहरी उत्तेजनाओं से आसानी से विचलित होना
  • अक्सर कार्यों या गतिविधियों के लिए ज़रूरी चीज़ें खो देना

क्या है ADHD डिसऑर्डर?

एडीएचडी (ADHD) या अटेंशन-डेफिसिट/हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर एक न्यूरो डेवलपमेंट डिसऑर्डर है, जो खराब लाइफस्टाइल, खानपान, तनाव और चिंता के चलते हो सकता है। यह मस्तिष्क के विकास और कार्य करने के तरीके को प्रभावित करता है, जिससे ध्यान केंद्रित करने, इम्पल्सों को कंट्रोल करने और हाइपरएक्टिविटी जैसी समस्याएं होती हैं। हालांकि, यह स्थिति बच्चों में ज्यादा देखी जाती है। अगर, बचपन में इस समस्या का ध्यान नहीं दिया जाता तो ये बड़े होते-होते ज्यादा परेशान कर सकती है और बड़े होने पर ADHD की समस्या से निजात पाना मुश्किल हो जाता है।

क्या है ADHD का इलाज?

अटेंशन डिफीसिटएट हाइपरएक्टिव डिसऑर्ड यानी ADHD के इलाज की बात की जाए तो शुरुआती तौर पर इसे परिवार और दोस्तों के साथ बातचीत करने के साथ-साथ व्यवहार में बदलाव करके ठीक किया जा सकता है। हालांकि, एडीएचडी के गंभीर मामलों में दवा, मनोचिकित्सा के साथ थेरेपी की जरूरत पड़ सकती है।

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