Health Tips: डीहाइड्रेशन से बचने के लिए सरल तरीके, जाने डायटीशियन नीता सिंह..
Health Tips for Summer: हमारे शरीर में लगभग 70 प्रतिशत पानी है। शरीर के अंगों को क्रियाशील बने रहने के लिए यह जरूरी भी है। गर्मी के मौसम में पसीना अधिक आता है, इसलिए पानी की कमी हो जाती है। रक्तचाप बढ़ जाता है। इसे चिकित्सीय भाषा में डिहाइड्रेशन कहते हैं। बचाव का एक ही तरीका है कि दिन में तीन-चार लीटर पानी पिएं।
गर्मियों में पीएं खूब पानी। पानी की कमी से डीहाइड्रेशन हो सकती है। श्वसन और पाचन क्रिया भी पानी की मात्रा पर निर्भर होती है। डिहाइड्रेशन की दिक्कत है तो ओआरएस का घोल (नमक-चीनी का पानी) पिएं और डाक्टर से परामर्श लें।
श्वसन और पाचन क्रिया भी पानी की मात्रा पर निर्भर होती है। डिहाइड्रेशन की दिक्कत है तो ओआरएस का घोल (नमक-चीनी का पानी) पिएं और डाक्टर से परामर्श लें। सीनियर डायटीशियन नीता सिंह से बात करते हुए उन्होंने बताया कि तेज धूप में अधिक देर तक कार्य करने, पैदल चलने के कारण पसीने के जरिए शरीर का पानी बाहर निकल जाता है। पीने के लिए पर्याप्त पानी न मिले तो डिहाइड्रेशन के प्रभाव से सिर दर्द, चक्कर, तेज बुखार, धड़कन बढ़ना, हाथ-पैर शिथिल पड़ना एवं ऐंठन होना, पेशाब कम आना जैसी दिक्कतें आती हैं।
यह भी ध्यान रखें कि ग्लूकोज या चीनी का शरबत पीने से डिहाइड्रेशन ठीक नहीं हो सकता। उसमें नमक की मात्रा होना भी जरूरी है। कुछ लोग शरीर को तरोताजा रखने के लिए काफी, सोडा और एनर्जी ड्रिंक्स पीते हैं। उन्हें लगता है कि ये चीजें हमारे शरीर को हाइड्रेट कर रही हैं। डायटीशियन नीता के मुताबिक परिणाम इसके उलट हो सकते हैं। इनमें कैफीन होने के कारण बार-बार पेशाब आ सकता है। पेशाब जितनी बार जाएंगे, डिहाइड्रेशन की आशंका उतनी ही बढ़ेगी। बेहतर होगा कि नारियल पानी, लस्सी, जूस और सूप जैसे तरल पदार्थों का सेवन करें।
डिहाइड्रेशन के लक्षण
-प्यास लगने से होंठ सूखना।
-श्वास लेने में दिक्कत होना।
-थकान और सिर में दर्द।
-काम करते समय चक्कर आना।
-रूखी त्वचा और रैशेज
-मांसपेशियों में दर्द होना।
-पेशाब का रंग अधिक पीला।
-कम मात्रा में पेशाब आना।
आर्टिकल By-डायटीशियन नीता सिंह