
हीरामंडी के ‘ताजदार’ का छलका दर्द; स्ट्रगल से नेशनल क्रश तक का सफ़र…
Entertainment: संजय लीला भंसाली की वेब सीरीज हीरामंडी हर तरफ सुर्खियों में छाई हुई है। हीरामंडी में ताजदार का किरदार निभाकर ताहा शाह बदुशा अब नेशनल क्रश बन गए हैं। एक्टर ने अपने स्ट्रगल के दिनों को शेयर करते हुए कहा कि डायरेक्टर्स मेरा फोन तक नहीं उठाते थे।
संजय लीला भंसाली की बहुचर्चित वेब सीरीज में ताजदार का किरदार निभाकर ताहा शाह बदुशा चर्चा में आ गए है। हाल ही इंस्टैंट बॉलीवुड को दिए इंटरव्यू में ताहा ने अपने स्ट्रगल के दिनों के बारे में बात की है। उन्होंने कहा कि बॉलीवुड पार्टीज में भी जाकर एक्टर ने अपने कांटेक्ट बनाने की कोशिश की लेकिन इसके बावजूद उन्हें काम नहीं मिला। एक्टर ने बताया कि वह कई बार पैसे दे देकर ऑडिशन देने गए इसके चलते उनके साथ कई बार धोखा भी हुआ। लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए उन्होंने काफी स्ट्रगल किया है। भले ही इस वेब सीरीज ने उन्हें स्टार बना दिया लेकिन वह पिछले 14 सालों से इंडस्ट्री में सक्रिय हैं।
मैं कांटेक्ट बनाने के लिए पार्टीज में जाता था-ताहा शाह
हीरामंडी एक्टर ताहा ने कहा कि, ‘मैं कांटेक्ट बनाने के लिए पार्टीज में जाता था लेकिन मुझे कोई मदद नहीं। लेकिन अब हर कोई मेरा फोन उठा रहा है। पिछले 6 सालों में मेरे इंस्टा पोस्ट में केवल 600 लाइक्स आते थे लेकिन अब लाखों लाइक्स आने लगे हैं। हर 2-3 मिनट में मुझे अब मैसेज आने लगे हैं।’
ताहा ने अपना अनुभव शेयर करते हुए आगे बताया कि उन्होंने कास्टिंग डायरेक्टर्स को कई बार फोन किया लेकिन उन्होंने कोई रिस्पॉन्स नहीं दिया। एक्टर ने बताया कि वह अपने काम को लेकिन इतने ज्यादा डेस्परेट थे कि हर दिन 40 फोन कॉल करते हैं। लेकिन इसके बावजूद उन्हें 14 सालों में कुछ खास काम नहीं मिला।
हीरामंडी में ताजदार ताहा ने अंत में एक चौकने वाला खुलासा करते हुए कहा कि उनकी स्मार्टनेस कई बार उनके रिजेक्शेन का भी भी कारण बनी है। उन्हें कहा जाता था कि आप काफी ज्यादा अच्छे दिखते हो तो अगर आपको ले लेंगे फिर लीड एक्टर का क्या होगा। ताहा ने ये भी बताया कि वह ऑडिशन देने के लिए 13 घंटे लाइन में लगे रहते थे। कई बार जब उन्हें रोल मिला तो अगले दिन वहां से सेटअप ही गायब होता था। बता दें कि, हीरामंडी से पहले ताहा को लव का द एंड से डेब्यू किया था। इसके अलावा उन्हें फिल्म गिप्पी में भी देखा गया था। हालांकि अब उन्हें हीरामंडी से पहचान मिली है।