West Bengal: पश्चिम बंगाल में I.N.D.I.A का बिगड़ा खेल, ममता बनर्जी अकेले लड़ेंगी लोकसभा चुनाव

लोकसभा चुनाव के नजदीक आते ही विपक्षी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A में बिखराव शुरू हो गया है। बीते कई दिनों से कांग्रेस से नाराजगी जता रही पश्चिम बंगाल की सीएम और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने ऐलान कर दिया है कि उनकी पार्टी पश्चिम बंगाल की सभी सीटों पर अकेले ही चुनाव लड़ेंगी।

इमेज क्रेडिट: सोशल मीडिया

पश्चिम बंगाल में इंडिया गठबंधन का खेल बिगड़ गया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ऐलान किया है कि तृणमूल कॉन्ग्रेस पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में अकेले लड़ेगी। इस ऐलान से विपक्ष के इंडी गठबंधन को करारा झटका लगा है। बताया जा रहा है कि टीएमसी ने कॉन्ग्रेस को दो सीटें देने की बात कही थीं जबकि कॉन्ग्रेस ने उनसे 10-12 सीट माँगी थी। सहमति न बनने पर ममता बनर्जी ने रास्ते अलग करने की बात कही।

बर्दवान में एक प्रशासनिक समीक्षा बैठक में भाग लेने से पहले मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, मुख्यमंत्री ने कथित तौर पर पश्चिम बंगाल में न्याय यात्रा के कार्यक्रम के बारे में उन्हें सूचित नहीं करने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला। मुख्यमंत्री ने कहा, “गठबंधन के लिए, मुझे पश्चिम बंगाल में न्याय यात्रा के कार्यक्रम के बारे में सूचित किया जा सकता था। लेकिन मुझे कुछ भी नहीं बताया गया।”

उन्होंने कहा, “हमने सीट शेयरिंग को लेकर बात नहीं की। लेकिन हमारी पार्टी ने उन्हें (कॉन्ग्रेस) को प्रपोजल दिया था जो नकार दिया गया। इसलिए हमने अकेले जाने का निर्णय लिया है। कॉन्ग्रेस को 300 सीट पर लड़ने दो। क्षेत्रीय पार्टी एक होकर लड़ेंगी। हम कॉन्ग्रेस का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करेंगे।”

उन्होंने इंडी गठबंधन में वामपंथी दलों के होने पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा विपक्षी समूह की बैठक के दौरान उन्होंने INDIA नाम का सुझाव दिया था। हालाँकि जब वह बैठक में शामिल हुईं तो देखा लेफ्ट इसे कंट्रोल करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने इस स्थिति को अस्वीकार्य बताया और कहा जिन लोगों से उन्होंने 34 सालों से लड़ाई लड़ी है उससे वो अब सहमत नहीं हो सकते।

गौरतलब है कि ममता के इस बयान से पहले कॉन्ग्रेस और टीएमसी में खटास की खबरें आ गई थीं। कॉन्ग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने मीडिया में ममता को अवसरवादी कह दिया था। उन्होंने कहा था, “हम ममता बनर्जी की दया पर चुनाव नहीं लड़ेंगे। कॉन्ग्रेस अपने दम पर चुनाव लड़ना जानती है और हमने जो दो सीटें (पश्चिम बंगाल में 2019 के लोकसभा चुनाव में) जीती हैं, वे ममता और भाजपा को हराकर जीती हैं। ममता अवसरवादी हैं; वह स्वयं कॉन्ग्रेस की कृपा से 2011 में सत्ता में आईं।”

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